स्रुवा

स्रुवा के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

स्रुवा के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • लकड़ी की बनी हुई एक प्रकार की छोटी करछी जिससे हवनादि में घी की आहुति देते हैं , सुरवा

    विशेष
    . इस अर्थ में हिंदी में यह शब्द प्रायः पुंल्लिग बोला जाता है ।

    उदाहरण
    . चाप स्रुवा सर आहुति जानू । कोप मोर अति घोर कृसानू ।

  • झरना , निर्झर (को॰)
  • सलई , शल्लकी वृक्ष
  • मरोड़- फली , मूर्वा
  • हवन के समय अग्नि में घी आदि की आहुति देने के लिए प्रयोग की जाने वाली लकड़ी की कलछी

संज्ञा, पुल्लिंग

  • विकंकत वृक्ष

स्रुवा के बुंदेली अर्थ

सरुवा

संज्ञा, पुल्लिंग

  • श्रुवा, यज्ञ में घी की आहुति डालने के लिए लकड़ी की चम्मच, गोश्त का रसा (झोल) शोरबा

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