सुरत

सुरत के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

सुरत के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • सुध, मुखाकृति।

सुरत के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • रतिक्रीड़ा , कामकेलि , संभोग , मैथुन

    उदाहरण
    . मुरत ही सब रैन बीती कोक पूरण रंग । जलद दामिनि संग सोहत भरे आलस संग ।

  • उत्कृष्ट आनंद की अनूऊति (को॰)
  • एक बौद्ध भिक्षु का नाम

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • ध्यान । याद । सुध । उ , — (क) धीर मढ़त चमन धन नहीं कढ़त चबदन में बैन , तुरत सुरत की सुरत चकै जुरत मुरत हंसि नैन , — शृंगार सतसई (शब्द॰) , (ख) करत महातम विपिन वधि चलो गयो करतार , तहँ अखेड लगी सुरत तथा तैल की धार , — रघुराज (शब्द॰) , क्रि॰ प्र॰ —करना , —दिलाना , — होना , —लगना

सुरत से संबंधित मुहावरे

सुरत के अंगिका अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • ध्यान, याद, ख्याल, चेहरा

सुरत के कन्नौजी अर्थ

सुरति

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • स्मृति, ध्यान

सुरत के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • मैथुन

Noun

  • sexual intercourse.

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