सूअर

सूअर के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

सूअर के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रसिद्ध स्तन्यपायी वन्य जंतु , वराह , शूकर

    विशेष
    . यह मुख्यतः दो प्रकार का होता है । (१) वन्य या जंगली और (२) ग्राम्य या पालतू । ग्राम्य सूअर घास आदि के सिवा विष्ठा भी खाता है, पर जंगली सूअर घास और कंद मूल आदि ही खाता है । यह ग्राम्य शूकर की अपेक्षा बहुत बड़ा और बलवान् होता है । यह प्रायः मनुष्यों पर हो आक्रमण करता है, और उन्हें मार डालता है । इसके कई भेद हैं । इसका लोग शिकार करते हैं और कुछ जातियाँ इसका मांस भी खाती हैं । राजपूतों में जगली सूअरों के शिकार की प्रथा बहुत दिनों से प्रचलित है । इसके शिकार में बहुत अधिक वीरता और साहस की आवश्यकता होती है । कहीं कहीं इसकी चरबी में पूरियाँ पकाई जाती हैं; और इसका मांस पकाकार या अचार के रूप में खाया जाता है । वैद्यक के मत से जंगली सूअर मेद, बल और वीर्यवर्धक है ।

  • निकृष्टता सूचक एक प्रकार की गाली , जैसे,—सूअर कहीं का

सूअर के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

सूअर के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • शुअर

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