suu.n.Dh meaning in kannauji
सूँड़ के कन्नौजी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- हाथी की स्तंभाकार नाक जो नीचे लटकती रहती है, शुंड
सूँड़ के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
-
हाथी की नाक जो बहुत लंबी होती है और नीचे की ओर प्रायः जमीन तक लटकती रहती है , शुंड , शुडादंड
विशेष
. यह लंबाई में प्रायः हाथी की ऊँचाई तक होती है । इसमें दो नथने होते हैं । हाथी इसी से हाथ का भी काम लेता है । यह इतनी मजबूत होती है कि हाथी इससे पेड़ उखाड़ सकता है और भारी से भारी चीज उठाकर फेंक सकता है । इसी सें वह खाने की चीजें उठाकर मुँह में रखता है और दमकल की तरह पानी फेंकता और पीता है । इससे वह जमीन पर से सूई तक उठा सकता है ।
सूँड़ के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएसूँड़ के अवधी अर्थ
संज्ञा
- सूँड़
सूँड़ के कुमाउँनी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- हाथी की स्तम्भाकार नाक जो नीचे लटकती रहती है; शुड
सूँड़ के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- हाथी की लम्बी नाक, इसी आकृति की अन्य वस्तु के लिए भी प्रयुक्त
सूँड़ के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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