सूरन

सूरन के अर्थ :

सूरन के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का कंद जो सब शाकों में श्रेष्ठ माना गया है , जमींकंद , ओल , शूरण , सूरन

    विशेष
    . सूरन भारतवर्ष में प्रायः सर्वत्र होता है पर बंगाल में अधिक होता हा । इसके पौधे २ से ४ हाथ तक के होते हैं । पत्तों में बहुत से कटाव होते हैं । इसके दो भेद हैं । सूरन जंगली भी होता है जो खाने योग्य नहीं होता और बेतरह कटैला होता है । खेत के सूरन की तरकारी, अचार आदि बनते हैं जिन्हें लोग बड़े चाव से खाते हैं । वैद्यक में यह अग्निदीपक, रूखा, कसैला, खुजली उत्पन्न करनेवाला, चरपरा, विष्टंभकारक, विशद, रुचिकारक, लघु, प्लीहा तथा गुल्म नाशक और अर्श (बवासीर) रोग के लिये विशेष उपकारी माना गया है । दाद, खाज, रक्तविकार और कोढ़वालों के लिये इसका खाना निषिद्ध है ।

सूरन के बघेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • सब्जी व अचार वाला एक कन्दमूल

सूरन के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक जमी कन्द जिसका शाक एवं अचार बनता है जो उदर रोगों के लिए लाभकारी होता है

सूरन के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • कंद शाक , जमीकंद

    उदाहरण
    . सूरन करि तरि सरस तरोई ।

  • अनेक शूरवीर

    उदाहरण
    . शुभ संख सूरन के बजे रनधीर बीर सबै सजे ।

सूरन के मगही अर्थ

हिंदी ; संज्ञा

  • ओल

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