त के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

त के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun

  • the first letter of the fourth pentad (i.e. तवर्ग) of Devna:gri: alphabet

त के हिंदी अर्थ

संज्ञा

  • संस्कृत या हिंदी वर्णमाला का १६वाँ और तवर्ग का पहला अक्षर विसका उच्चारणस्थान दंत है , इसके उच्चारण में विवार, श्वास और अघोष प्रयत्न लगते हैं , इसके उच्चारण में आधी मात्रा का समय लगता है

    उदाहरण
    . त का उच्चारण स्थल दन्तमूल है।


संज्ञा, पुल्लिंग

  • अग्नि, आग
  • नौका, नाव
  • पुण्य
  • सूर्य, रवि
  • चोर
  • शत्रु
  • झूठ
  • पूँछ, दुम
  • गोद
  • म्लेच्छ
  • गर्भ
  • शठ,
  • रत्न
  • बुद्ध
  • अमृत,
  • योद्धा
  • रत्न
  • एक पिंगल

क्रिया-विशेषण

  • तो

    उदाहरण
    . करतेहु राज त तुमहिं न दोसू । रामहि होत सुनत संतोसू । . अउ पाएउँ मानुस कइ शाखा । नाहिं त पखि मूठि भर पाँखा । . हमहुँ कहब ठकुर सोहाती । नाहिं त मोन रहव दिन राती ।


विशेषण

  • तप्त, उष्ण, गरम
  • तापने या गरम करनेवाला

त के अंगिका अर्थ

त :

  • ई अंगिका वर्णमाला केरों सोलहवां व्यंजन वर्ण आरु तवर्ग केरों पहला वर्ण छेकय । ऐकरों उच्चारण स्थान दन्त छेकय

त के कन्नौजी अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला में 'त' वर्ग का प्रथम वर्ण उच्चारण स्थान दन्त

त के कुमाउँनी अर्थ

सर्वनाम

  • वह, एक वचन तृतीय पुरुष, अंग्रेजी That का खसकुरा रूप
  • वह, यह, 'त कोछ'-यह कोन है;

अव्यय

  • उच्चारण में दीर्घ अ, उस हालत में, उस स्थिति में, उस दशा में

त के गढ़वाली अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला का सोलहवां व्यंजन वर्ण

अव्यय

  • तो, बस |
  • the sixteenth consonant of the Devanagari alphabet.

Inexhaustible

  • then, that is all, enough.

त के बुंदेली अर्थ

  • हिन्दी वर्णमाला देवनागरी लिपि के त वर्ग का प्रथम व्यंजन वर्ण, इसका उच्चारण स्थान दन्त्य है

त के ब्रज अर्थ

  • नागरी वर्णमाला में त वर्ग का प्रथम व्यंजन

सर्वनाम

  • वह , उस

त के मगही अर्थ

अव्यय

  • तो, अच्छा तो, उसके बाद, तब; उस दशा में

त के मैथिली अर्थ

  • वर्णमालक सोलहम व्यञ्जन

  • ताहि अवस्थामे, तखन
  • किन्तु, प्रतिकूलतः
  • अवश्य
  • 16th consonant of alphabet.

  • in that case, then.
  • but, however, on the other hand.
  • of course, indeed.

त के मालवी अर्थ

  • त वर्ग का अक्षर।

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