ट:

ट: के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

ट: के अंगिका अर्थ

  • हैय अंगिका वर्णमाला केरों ग्यारहवाँ व्यंजन वर्ण तथा टवर्ग केरों पहला वर्ण छेकय । हेकरों उच्चारण स्थान मूद्धा छेकय

ट: के अँग्रेज़ी अर्थ

  • the first letter of the third pentad (i.e. टवर्ग) of the Devna:gri: alphabet

ट: के हिंदी अर्थ

  • संस्कृत या हिंदी वर्णमाला में ग्यारहवाँ व्यंजन जो टवर्ग का पहला वर्ण है, इसका उच्चारण स्थान मूर्धा है, इसका उच्चारण करने में तालु से जीभ का अग्र भाग लगाना पड़ता है

    उदाहरण
    . ट का उच्चारण स्थल मूर्द्धा है।


संज्ञा, पुल्लिंग

  • नारियल का खोपड़ा
  • वामन
  • भार की एक इकाई जो एक हज़ार किलोग्राम के बराबर होती है, चौथाई भाग
  • शब्द

ट: के कन्नौजी अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला में 'ट' वर्ग का पहला वर्ण, जिसका उच्चारण - स्थान मूर्द्धा है

ट: के गढ़वाली अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला का ग्यारहवां व्यंजन वर्ण
  • the eleventh consonant of Devanagari alphabet.

ट: के बुंदेली अर्थ

  • हिन्दी वर्णमाला का देवनागरी लिपि का ट वर्ग का प्रथम व्यंजन वर्ण इसका उच्चारण स्थान मूर्द्धा है

ट: के ब्रज अर्थ

  • नागरी वर्णमाला में ट वर्ग का प्रथम व्यंजन

संज्ञा, पुल्लिंग

  • नारियल का खोपड़ा; वामन ; चौथाई भाग ; शब्द , ध्वनि

ट: के मैथिली अर्थ

  • वर्णमालाक एगारहम व्यञ्जन
  • 11th consonant of alphabet.

ट: के मालवी अर्थ

  • ट वर्ग का अक्षर।

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