ताड़का

ताड़का के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

ताड़का के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • रामायण में वर्णित एक राक्षसी जिसे विश्वामित्र की आज्ञा से श्री रामचंद्र ने मारा था

    विशेष
    . इसकी उत्पत्ति के संबंध में कथा है कि यह सुकेतु नामक एक वीर यक्ष की कन्या थी। सुकेतु ने अपनी तपस्या से ब्रह्मा को प्रसन्न करके इस बलवती कन्या को पाया था जिसे हज़ार हाथियों का बल था। यह सुंद को ब्याही थी। जब अगस्त्य ऋषि ने किसी बात पर क्रुद्ध होकर सुंद को मार डाला, तब यह अपने पुत्र मारीच को लेकर अगस्त्य ऋषि को खाने दौड़ी। ऋषि के शाप से माता और पुत्र दोनों घोर राक्षस हो गए। उसी समय से ये अगस्त्य जी के तपोवन का नाश करने लगे और उसे इन्होंने प्राणियों से शून्य कर दिया। यह सब व्यथा दशरथ से कहकर विश्वामित्र रामचंद्र जी को लाए और उनके हाथ से ताड़का का वध कराया।

  • (लाक्षणिक) लंबी कुरुप स्त्री

ताड़का के अवधी अर्थ

ताडुका

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • प्रसिद्ध राक्षसी जिसका राम ने वध किया था

ताड़का के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक राक्षसी जिसे राम ने मारा था

ताड़का के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक राक्षसी जिसे श्री राम ने मारा था
  • (लाक्षणिक) लंबी कुरुप स्त्री

ताड़का के ब्रज अर्थ

ताडुका

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक राक्षसी जिसे रामचंद्र ने मारा था

    उदाहरण
    . मग में मारी ताडुका, रघुवंशी कुलदीप ।

ताड़का के तुकांत शब्द

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