ताप

ताप के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

ताप के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्राकृतिक शक्ति जिसका प्रभाव पदार्थों के पिघलने, भाप बनने आदि व्यापारों में देखा जाता है और जिसका अनुभव अग्नि, सूर्य की किरण आदि के रूप में इंद्रियों को होता है , यह अग्नि का समान्य गुण है जिसकी अधिकता से पदार्थ जलते या पिघलेत हैं , उष्णता , गर्मी , तेज

    विशेष
    . ताप एक गुण मात्रा है, कोई द्रव्य नहीं है । किसी वस्तु को तपाने से उसकी तौल में कुछ फर्क नीहं पड़ता । विज्ञाना- नुसार ताप गतिशक्ति का ही एक भेद है । द्रव्य के अणुओं में जो एक प्रकार की हलचल या क्षोभ उत्पन्न होत है, उसी का अनुभव ताप के रूप में होता है । ताप सब पदार्थों में थोड़ा बहुत निहित रहता है । जब विशेष अवस्था में वह व्यक्त होता है, तब उसका प्रत्यक्ष ज्ञान होता है । जब शक्ति के संचार में रुकावट होती है, तब वह ताप का रूप धारण करती है । दो वस्तुएँ जब एक दूसरे से रगड़ खाती हैं तब जिस शक्ति का रगड़ में व्यय होता है, वह उष्णता के रूप में फिर प्रकट होती है । ताप की उत्पत्ति कई प्रकार से होती है । ताप का सबसे बड़ा भांडार सूर्य है जिससे पृथ्वी पर धूप की गरमी फैलती है । सूर्य के अतिरिक्त ताप संघर्षण (रगड़), ताड़न तथा रासायनिक योग से भी उत्पन्न होता है । दो लकड़ियों को रगड़ने से और चकमक पत्थर आदि पर हथौड़ा मारने से आग निकलते बहुतों ने देखा होगा । इसी प्रकार रासायनिक योग से अर्थात् एक विशेष द्रव्य के साथ दूसरे विशेष द्रव्य के मिलने से भी आग या गरमी पैदा हो जाती है । चूने की डली में पानी डालने से, पानी में तेजाब या पोटाश डालने से गरमी या लपट उठती है ।

  • आँच , लुपट
  • ज्वर , बुखार , क्रि॰ प्र॰ —चढ़ना
  • कष्ट , दुःख , पीड़ा

    विशेष
    . ताप तीन प्रकार का माना गया है— आध्यात्मिक, आधिदैविक और आधिभौतिक । वि॰ दे॰ 'दुःख' । उ॰— वैहिक, दैविक, भौतिक तापा । रामरज काहुहि नहिं । व्यापा ।— तुलसी (शब्द॰) ।

  • मानसिक कष्ट , हृदय का दुःख (जैसे, शोक, पछतावा आदि)

    उदाहरण
    . एकही अखंड जाप ताप कूँ हरतु है ।

ताप के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • उष्णता, ऑच की लपट, ज्वर, कष्ट यातना

ताप के अवधी अर्थ

संज्ञा

  • मछली पकड़ने का टोकरा जिसमें दोनों ओर छेद होते हैं

ताप के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • गर्माहट की दृष्टि से किसी वस्तु की दशा 2. गरमी, ज्वर, उष्णता, बुखार 3. मानसिक व्यथा, आधि

ताप के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • तपन, गर्मी, बुखार

Noun, Masculine

  • warmth,heat, temperature, fever.

ताप के बज्जिका अर्थ

संज्ञा

  • ज्वर

ताप के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • बुखार

ताप के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • गरमी , उष्णता

    उदाहरण
    . खंजन से नैन तन ताप तपनीय ऐन ।

  • ज्वर; मानसिक व्याधि

    उदाहरण
    . गए पाप ताप दूरि, देखत दरस परसि चरन ।

  • तापत्रय-दैहिक, दैविक और भौतिक ताप

ताप के मगही अर्थ

संज्ञा

  • गर्मी, सूर्य के किरणों की उष्णता, आँच; बुखार, ज्वर; कष्ट, दुख, क्लेश, संताप; दैहिक, भौतिक और या दैविक कष्ट; धन का अपव्यय

ताप के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • गरमी, ऊष्मा, आँच
  • ज्वर

  • गरमीक मात्रा

Noun

  • heat.
  • fever.

  • temperature.

ताप के मालवी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • ज्वर, बुखार, शारीरिक या मानसिक कष्ट।

अन्य भारतीय भाषाओं में ताप के समान शब्द

उर्दू अर्थ :

हरारत - حرارت

बुख़ार - بخار

गर्मी - گرمی

पंजाबी अर्थ :

ताप - ਤਾਪ

बुखार - ਬੁਖਾਰ

तपाउ - ਤਪਾਉ

गुजराती अर्थ :

ताप - તાપ

गरमी - ગરમી

आंच - આંચ

ताव - તાવ

उष्मा - ઉષ્મા

कोंकणी अर्थ :

उष्णता

ज़ोर

उष्मा

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