तगर

तगर के अर्थ :

तगर के मैथिली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक फूल

Noun, Masculine

  • a flower, rose-bay; Taber naemontana coronaria.

तगर के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार का पेड़ जो अफगानिस्तान, कश्मीर, भूटान और कोंकण देश में नदियों के किनारे पाया जाता है

    विशेष
    . भारत के बाहर यह मडागास्कर और जंजीबार में भी होता है। इसकी लकड़ी बहुत सुगंधित होती है और उसमें से बहुत अधिक मात्रा में एक प्रकार का तेल निकलता है। यह अकड़ी अगर की लकड़ी के स्थान पर तथा औषध के काम में आती है। लकड़ी काले रंग की और सुगंधित होती है और उसका बुरादा जलाने के काम में आता है। भावप्रकाश के अनुसार तगर दो प्रकार का होता है, एक में सफ़ेद रंग के और दूसरे में नीले रंग के फूल लगते हैं। इसकी पत्तियों के रस से आँख के अनेक रोग दूर होते हैं। वैद्यक में इसे उष्ण, वीर्यवर्धक, शीतल, मधुर, स्निग्ध, लघु और विष, अपस्मार, शूल, दृष्टिदोष, विषदोप, भूतोन्माद और त्रिदोष आदि का नाशक माना है।

    उदाहरण
    . तगर की लकड़ी सुगंधित होती है जिससे तेल निकाला जाता है।

  • इस वृक्ष की जड़ जिसकी गिनती गंध द्रव्यों में होती है, इसके चबाने से दाँतों का दर्द अच्छा हो जाता है

    उदाहरण
    . तगर को चबाने से दाँतों का दर्द ठीक हो जाता है।

  • मंझोले आकार का एक काँटेदार वृक्ष, मदनवृक्ष, मैनफल

    उदाहरण
    . तगर के फल औषधि के रूप में प्रयुक्त होते हैं।


देशज ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक प्रकार की शहद की मक्खी, मधुमक्खी

    उदाहरण
    . तगर भी शहद बनाता है।

तगर के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

तगर के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • सुगन्धित लकड़ी वाला एक पेड़

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