तमाकू

तमाकू के अर्थ :

  • स्रोत - पुर्तगाली

तमाकू के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • तीन से छह फुट तक ऊँचा एक प्रसिद्ध पौधा जो एशिया, अमेरिका तथा उत्तर युरोप में अधिकता से होता है , तंबाकू

    विशेष
    . इसकी अनेक जातियाँ हैं, पर खाने या पीने के काम में केवल ५-६ तरह के पत्ते ही आते हैं । इसके पत्ते २-३ फुट तक लंबे, विषाक्त और नशीले होते हैं । भारत के भिन्न भिन्न प्रांतों में इसके बोने का समय एक दूसरे से अलग है, पर बहुधा यह कुआर, कातिक से लेकर पूस तक बोया जाता है । इसके लिये वह जमीन उपयुक्त होती है जिसमें खार अधिक हो । इसमें खाद की बहुत अधिक आवश्यकता होती है । जिस जमीन में यह बोया जाता है, उसमें साल में बहुधा केवल इसी की एक फसल होती है । पहले इसका बीज बोया जाता है और जब इसके अंकुर ५-६ इंच के ऊँचे हो जाते हैं, तब इसे दूसरी जमीन में, जो पहले से कई बार बहुत अच्छी तरह जोती हुई होती हैं, तीन तीन फुट की दूरी पर रोपते हैं । आरंभ से इसमें सिंचाई की भी बहुत अधिक आव- श्यकता होती है । इसके फूलने से पहले ही इसकी कलियाँ और नीचे के पत्ते छाँट दिए जाते हैं । जब पत्ते कुछ पीले रंग के हो जाते हैं और उसपर चित्तियाँ पड़ जाती हैं, तब या तो ये पत्ते काट लिय जाते हैं या पूरे पौधे ही काट लिए जाते हैं । इसके बाद वे पत्ते धूप में सुखाए जाते हैं और अनेक रूपों में काम में लाए जाते हैं । इसके पत्तों में अनेक प्रकार के कीड़े लगते हैं और रोग होते हैं ।

  • इस पेड़ का पत्ता , सुरती

    विशेष
    . इसका व्यवहार लोग अनेक प्रकार से करते हैं । चूर करके खाते हैं, सूँघते हैं, धूआँ खींचने के लिये नली में या चिलम पर जलाते हैं । इसमें नशा होता है । भारत में धूआँ पीने के लिये एक विशेष प्रकार से तमाकू तैयार किया जाता है (दे॰ तीसरा अर्थ) । इसका बहुत महीन चूर्ण सुँघनी कहलाता है जिसे लोग सूँघते हैं । भारत के लोग इसके पत्तों को सुखाकर पान के साथ अथवा यों ही खाने के लिये कई तरह का चूरा बनाते हैं, जैसे, सुरती जरदा आदि । पान के साथ खाने के लिये इसकी गीली गोली बनाई जाती है और एक प्रकार का अवलेह भी बनाया जाता है जिसे 'किमाम' कहते हैं ��� इस देस में लोग इसके सूखे पत्तों को चूने के साथ मलकर मुँह में रखते हैं । चूना मिलाने से बहुत तेज हो जाता है । इस रूप में इसे 'खैनी' या 'सुरती' कहते हैं । यूरोप, अमेरिका आदि देशों में इसके चूरे को कागज या पत्तों आदि में लपेटकर सिगार या सिगरेट बनाते हैं । इसका व्यवहार नशे के लिये किया जाता है और इससे स्वास्थ्य और विशेषतः आँखों को बहुत हानि पहुँचती है । वैद्यक में यह तीक्ष्ण, गरम, कडुआ, मद और वमनकारक तथा द्दष्टि को हानि पहुँचानेवाला माना जाता है ।

  • इन पत्तों से तैयार की हुई एक प्रकार की गीली पिंडी जिसे चिलम पर जलाकर मुँह से धूँआ खींचते हैं

    विशेष
    . पत्तियों के साथ रेह मिलाकर जो तमाकू तैयार होता है, वह 'कडुआ' कहलाता है, गुड़ मिलाकर बनाया हुआ 'मीठा' कहलाता है, और कटहल, बेर आदि की खमीर मिलाकर बनाया हुआ 'खमीरा' कहलाता है । इसे चिलम पर रखकर उसके ऊपर कौयले की आग या सुलगती हुई टिकिया रखते हैं और खाली हाथ गौरिए अथवा हुक्के पर रखकर नली से धूआँ खींचते हैं ।

तमाकू से संबंधित मुहावरे

तमाकू के अवधी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • तंबाकू; (दे०)

संज्ञा

  • तमाखु

तमाकू के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • देखिए : तमाखू

तमाकू के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • तम्बाकू

Noun, Masculine

  • tobacco.

तमाकू के भोजपुरी अर्थ

  • गुड़गुड़ा (हुक्का) में पीया जानेवाला तंबाकू;

    उदाहरण
    . खैनी खाये न तमाकू पीये, से नर बताव कैसे जीये।

  • tobacco used in smoking from a hukka (smoking pot).

तमाकू के मगही अर्थ

  • एक प्रसिद्ध नकदी फसल जिसे खैनी, सुरती, जर्दा, नस लेने अथवा धूम्रपान करने के लिए प्रयोग करते हैं; उस पौधे के डंठल, पत्ता आदि मिलाकर बनी वस्तु

तमाकू के मैथिली अर्थ

  • एक गाछ जकर पातमे निसाँ होइत अछि
  • tobacco; Nicotiana tabacum, spl its processed leaf kept in mouth for narcotic effect.

तमाकू के तुकांत शब्द

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