Tasak meaning in braj
टसक के ब्रज अर्थ
अकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, अकर्मक
- टीस , कसक, थोड़ी-थोड़ी देर में उठने वाला दर्द
-
खिसकना
उदाहरण
. दाबि दाबि हार्यो पै न टार्यो टसकत है । - टीस उठना , रह-रहकर हलको पीड़ा होना
टसक के हिंदी अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- रह रहकर उठनेवाली पीड़ा, कसक, टीस, चसक
टसक के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएटसक के अंगिका अर्थ
संज्ञा, स्त्रीलिंग
- टीस, चमक, पीड़ा, ठहर ठहर कर होने वाली पीड़ा
टसक के कुमाउँनी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- रह-रह कर दर्द होना, खिंचाव, नसें खिचने का भाव, 'टसक पड़ण'-नस खिचने की पीड़ा
टसक के मगही अर्थ
संज्ञा
- दे. 'टख' (कसक); रह-रह कर उठने वाली पीड़ा या दर्द, कसक, चसक
टसक के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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