t.Dh.n meaning in hindi
तृण के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
वह उद्भिद् जिसकी पेड़ी या कांड में छिलके और हीर का भेद नहीं होता और जिसकी पत्तियों के भीतर केवल समानांतर (प्रायः लंबाई के बल) नसे होती हैं, जाल की तरह वुनी हुई नहीं , जैसे, दूब, कुश, सरात, मूँज, बाँस, ताड़ इत्यादि , घास
विशेष
. तृण की पेड़ी या कांडों के तंतु इस प्रकार सीधे क्रम से नहीं बैठे रहते कि उनके द्वारा मंडलांतर्गत मंडल बनते जायँ, बल्कि वे बिना किसी क्रम के इधर उधर तिरछे होकर ऊपर की और गए रहते हैं । अधिकांश तृणों के कांडों में प्रायः गाँठें थोड़ी थोड़ी दूर पर होती हैं और इन गाँठों के बीच का स्थान कुछ पोला होता है । पत्तियाँ अपने मूल के पास डंठल को खोली की तरह लपेटे रहती हैं । पृथ्वी का अधिकांश तल छोटे तृणों द्वारा आच्छादित रहता है । अर्क— प्रकाश नामक वैद्यक ग्रंथ में तृणगण के अंतर्गत तीन प्रकार के बाँस, कुश, काँस, तीन प्रकार की दूब, गाँडर, नरकट, गूँदी, मूँज, डाभ, मोथा इत्यादि माने गए हैं । . स्त्रियाँ बच्चे पर से नजर का प्रभाव दूर करने के लिये टोटके की तरह पर तिनका तोड़ती हैं ।उदाहरण
. ऊसर बरसे तृण नहिं जामा । - तिनका (को॰)
- खर पात (को॰)
तृण के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएतृण से संबंधित मुहावरे
तृण के मैथिली अर्थ
संज्ञा
- घास
Noun
- grass.
अन्य भारतीय भाषाओं में तृण के समान शब्द
उर्दू अर्थ :
तिनका - تنکا
ख़स - خس
पंजाबी अर्थ :
तिनका - ਤਿਨਕਾ
घास - ਘਾਸ
गुजराती अर्थ :
तृण - તૃણ
घास - ઘાસ
कोंकणी अर्थ :
तण
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