ठीहा

ठीहा के अर्थ :

ठीहा के ब्रज अर्थ

  • हिनहिनाहट

ठीहा के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • जमीन में गड़ा हुआ लकड़ी का कुंदा जिसका थोड़ा सा भाग जमीन के ऊपर रहता है

    विशेष
    . इस कुंदे पर वस्तुओं को रखकर लोहार, बढ़ई आदि उन्हें पीटते, छीलते या गढ़ते हैं । लोहार, कसेरे आदि धातु का काम करनेवाले इसी ठीहे में अपनी 'निहाई' गाड़ते हैं । पशुओं को खिलाने का चारा भी ठीहे पर रखकर काटा जाता है ।

  • बढ़इयों का लकड़ी गढ़ने का कुंदा जिसमें एक मोटी लकड़ी में ढालुआँ गड्ढा बना रहता है
  • बढ़इयों का लकड़ी चीरने का कुंदा जिसमें लकड़ी को कसकर खड़ा कर देते और चीरते हैं
  • बैठेने के लिये कुछ किया हुआ स्थान , बेदी , गद्दी
  • दूकानदार के बैठने की जगह
  • हद , सीमा
  • चाँड़ , थूनी
  • उपयुक्त स्थान

ठीहा के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

ठीहा के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • परकट्ठा, भूमि पर गड़ा हुआ लकड़ी का कुन्दा जिस पर रखकर कसेरा बढ़ई सोनार आदि पीटने / ठोकने का काम करते हैं, वैठना का ऊचा स्थान गद्दी

ठीहा के अवधी अर्थ

संज्ञा

  • ठहरने का स्थान

ठीहा के मगही अर्थ

अरबी ; संज्ञा

  • दे. ठेहा'

ठीहा के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • परिकठ

Noun

  • carpenter's base log.

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