थूहर

थूहर के अर्थ :

थूहर के हिंदी अर्थ

संस्कृत ; संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक छोटा पेड़ जिसमें लचीली टहनियाँ नहीं होतीं, गाँठों पर से गुल्ली या डंडे के आकार के डंठल निकालते हैं

    विशेष
    . किसी जाति के थूहर में बहुत मोटे दल के लंबे पत्ते होते हैं और किसी जाति में पत्ते बिलकुल नहीं होते । काँटे भी किसी में होते हैं किसी में नहीं । थूहर के डंठलों और पत्तों में एक प्रकार का कड़ुआ दूध भरा रहता है । निकले हुए डंठलों के सिरे पर पीले रंग के फूल लगते हैं जिनपर आवरणपत्र या दिउली नहीं होती । पुं॰ और स्त्री॰ पुष्प अलग अलग होते हैं । थूहर कई प्रकार के होते है—जैसे, काँटेवाला थूहर, तिधारा थूहर, चौधारा थूहर, नागफनी, खुरसानी, थूहर विलायती थूहर, इत्यादि । खुरासानी थूहर का दूध विषैला होता है । थूहर का दूध औषध के काम में आता है । थूहर के दूध में सानी हुई बाजरे के आटे की गोली देने से पेट का दर्द दूर होता है और पेट साफ हो जाता है । थूहर के दूध में भिगोई हुई चने की दाल (आठ या दस दाने) खाने से अच्छा जुलाब होता है और गरमी का रोग दूर होता है । थूहर की राख से निकाल हुआ खार भी दवा के काम में में आता है । काँटेवाले थूहर के पत्तों का लोग अचार भी डालते हैं । थूहर का कोयला बारूद बनाने के काम में आता है । वैद्यक में थूहर रेचक, तीक्ष्ण, अग्निदीपक, कटु तथा शूल, गुल्म, अष्ठी, वायु, उन्माद, सूजन इत्यादि को दूर करनेवाला माना जाता है । थूहर को सेहुड़ भी कहतै हैं ।

    उदाहरण
    . थूहरों से सटे हुए पेड़ और झाड़ हरे, गोरज से धूम ले जो खड़े हैं किनारे पर । . थूहर के डंठलों और पत्तों में से विषैला दूध निकलता है ।

थूहर के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • चोटाना थोचकाना

थूहर के कन्नौजी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • सेंहुड़ का पेड़

थूहर के मगही अर्थ

अरबी ; संज्ञा

  • (स्थूल) एक काँटेदार बिना पत्तों वाला पौधा जिसकी गांठ से शाखा निकलती है, मुठिया सीज

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