तिरछा

तिरछा के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

तिरछा के कन्नौजी अर्थ

विशेषण

  • जो एक ओर कुछ झुका हुआ हो, वक्र

तिरछा के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • जो अपने आधार पर समकोण बनाता हुआ न गया हो , जो न बिलकुल खड़ा हो और न बिलकुल आड़ा हो , जो न ठीक ऊपर की ओर गाय हो और न ठीक बगल की ओर , जो ठीक सामने की ओर न जाकर इधर उधर हटकर गया हो , जैसे, तिरछी लकीर

    विशेष
    . 'टेढ़ा' और 'तिरछा' में अंतर है । टेढ़ा वह है जो अपने लक्ष्य पर सीधा न गया हो, इधर उधर मुड़ता या घूमता हुआ गया हो । पर तिरछा वह है जो सीधा तो गया हो, पर जिसका लक्ष्य ठीक सामने, ठीक ऊपर या ठीक बगल में न हो । (टेढ़ी रेखा ~; तिरछी रेखा /) । . जब लोगों की दृष्टि बचाकर किसी ओर ताकना होता है, तब लोग, विशेषतः प्रेमी लोग, इस प्रकार की दृष्टि से देखते हैं ।

  • एक प्रकार का रेशमी कपड़ा जो प्रायः अस्तर के काम में आता है

तिरछा से संबंधित मुहावरे

  • तिरछी चितवन

    बिना सिर घुमाए पार्श्व या बगल में कुछ देखने की क्रिया, बिना सिर फेरे हुए बगल की ओर दृष्टि

  • तिरछी टोपी

    बगल में कुछ झुकाकर सिर पर रखी टोपी

तिरछा के अवधी अर्थ

विशेषण, पुल्लिंग

  • तिर्छ

तिरछा के ब्रज अर्थ

तिरीछा, तिरौंछा

विशेषण

  • बाँका , टेढ़ा

तिरछा के मगही अर्थ

विशेषण

  • टेढ़ा, वक्र, सीधा न हों

तिरछा के मैथिली अर्थ

विशेषण

  • टेढ़, वक्र

Adjective

  • oblique, curved.

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