तिर्यक्

तिर्यक् के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

तिर्यक् के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • जो समानांतर या सीधा न हो, तिरछा, आड़ा, टेढ़ा, वक्र

    विशेष
    . मनुष्य को छोड़ पशु-पक्षी आदि जीव तिर्यक् कहलाते हैं क्योंकि खड़े होने में उनके शरीर का विस्तार ऊपर की ओर नहीं रहता, बल्कि आड़ा होता है। इनका खाया हुआ अन्न सीधे ऊपर से नीचे की ओर नहीं जाता, बल्कि आड़ा होकर पेट में जाता है।

  • ढालुआँ

क्रिया-विशेषण

  • वक्रतापूर्वक, टेढ़ेपन के साथ, तिरछे ढंग से

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पशु
  • पक्षी

तिर्यक् के पर्यायवाची शब्द

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तिर्यक् के यौगिक शब्द

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तिर्यक् के मैथिली अर्थ

विशेषण

  • टेढ़, वक्र

Adjective

  • curved, oblique, slanting

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