tryamrityog meaning in hindi

त्र्यमृतयोग

  • स्रोत - संस्कृत

त्र्यमृतयोग के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • फलित ज्योतिष में एक प्रकार का योग जो कुछ विशिष्ट तिथियों, नक्षत्रों और वारों के संयोग से होता है

    विशेष
    . यदि रवि या मंगलवार को प्रतिपदा, षष्ठी या एकादशी तिथि और स्वाती, शतभिषा, आर्द्रा, रेवती, चित्रा, अश्लेषा या मूल नक्षत्र हो, शुक्र अथवा सोमवार को द्वितीया, सप्तमी या द्वादशी तिथि और भद्रा, पूर्वाफाल्गुणी, पूर्वभाद्रपद या उत्तर भाद्रपद नक्षत्र हो, बुधवार को तृतीया, अष्ठमी या त्रयोदशी तिथि और मृगशिरा, श्रवण, पृष्य, ज्येष्ठा, भरणी, अभिजिन् या अश्विनी नक्षत्र हो, बृहस्पतिवार को चतुर्थी, नवमी या चतुर्दशी तिथि और उत्तराषाढ़ा, विशाखा, अनुराधा, मघा या पुनर्वसु नक्षत्र हो अथवा शनिवार को पंचमी, दशमी, अमावस्या या पूर्णिमा तिथि और रोहिणी, हस्त या घनिष्ठा नक्षत्र हो तो त्र्यमृतयोग होता है। यह योग यात्रा के लिए बहुत उत्तम समझा जाता है और इससे व्यतीपात आदि का दोष भी नष्ट हो जाता है।

त्र्यमृतयोग के तुकांत शब्द

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