तुर

तुर के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

तुर के हिंदी अर्थ

क्रिया-विशेषण

  • शीघ्र, जल्द, स॰—बहु दाबि डारे समर में तुर में तुरंगहि दपटि कै, —पद्माकर ग्रं॰, पृ॰

विशेषण

  • वेगवान्, शीघ्रगामी
  • दृढ़, सबल
  • घायल, आहत
  • धनी
  • अधिक, प्रचुर

संज्ञा, पुल्लिंग

  • १, वह लकड़ी जिसपर जुलाई कपड़ा बुनकर लपेटते जाते हैं
  • घोड़ा, अश्व, तुरग

    उदाहरण
    . माघ बद्दि पंचमि दिवस चढ़ि चालिए तुर तार ।

  • वेग, क्षिप्रता
  • वह बेलन जिसपर गोटा बुनकर लपेटते जाते हैं

तुर के यौगिक शब्द

संपूर्ण देखिए

तुर के अंगिका अर्थ

विशेषण

  • वेगवान

तुर के बज्जिका अर्थ

संज्ञा

  • अवस्था, एक तुरिया

तुर के बुंदेली अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • किसी आवश्यकता का आसन्न क्षण

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