उ के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

उ के हिंदी अर्थ

संज्ञा

  • हिंदी वर्णामाला का पाँचवाँ अक्षर, इसका उच्चारणस्थान ओष्ठ है, यह तीन मुख्य स्वरों में है, हसके ह्नस्व, दीर्घ, प्लुत तथा सानुनासिक और निरनुनासिक भेद से 18 भेद होने हैं, 'उ' को गुणा करने से 'ओ' और वूद्धि करने से 'औ' होता है

संज्ञा, पुल्लिंग

  • ब्रह्म
  • नर

    उदाहरण
    . नर, नारायण और विधि ये तीनों मम केस । उ, अ, आ अलक विभाम ते भाख्यो यह परमेस । (शब्द॰) । ३

  • चंद्रमंडल

अव्यय

  • भी

    उदाहरण
    . औरउ एक कहौं निज चोरी । सुनु गिरिजा अति दृढ़ मति तोरी ।

उ के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun

  • the fifth letter and the fifth vowel of the Devna:gri: alphabet

उ के अंगिका अर्थ

उ:

  • है अंगिका भाषा रॉ संवृत पश्च ह्रस्व उच्च स्वर छेकय । हिन्दी अंगिका वर्णमाला करों पाँचवा स्थान छेकय । हेकरों उच्चारण में जिहो रॉ पिछलका भाग ऊपर उठी क बीच दने झुकय छै । हेकरों उच्चारण ओठ छेकय

उ के अवधी अर्थ

सर्वनाम

  • वह

उ के कन्नौजी अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला का पाँचवा (स्वर) वर्ण. इसका उच्चारण स्थान ओष्ठ है

उ के कुमाउँनी अर्थ

अव्यय

  • प्रश्न-क्रोध सूचक शब्द, तिरस्कार या उपेक्षापूर्ण भाव व्यक्त करने वाला अव्यय

उ के गढ़वाली अर्थ

  • देवनागरी वर्णमाला का पांचवा स्वर वर्ण

सर्वनाम

  • वह, वे
  • the fifth vowel of Devanagari alphabet.

Pronoun

  • that, he, she, it, they.

उ के बज्जिका अर्थ

सर्वनाम

  • वह

उ के बुंदेली अर्थ

  • हिन्दी वर्णमाला दे.ना.लि. का पाँचवा स्वर, इसका उच्चारण स्थान ओष्ठ है, सर्व. प्रश्न का निपात, बलवाची प्रत्यय,

    उदाहरण
    . प्र. हमउँ तौ ठाँडे ते उतै, किसी की बात ठीक से सुन या समझ न पाने पर पुनरावृत्ति हेतु निवेदन का निपात ।

उ के मैथिली अर्थ

  • वर्णमालाक पाँचम अक्षर
  • 5th lelter of alphabet.

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