उ के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

उ के बुंदेली अर्थ

  • हिन्दी वर्णमाला दे.ना.लि. का पाँचवा स्वर, इसका उच्चारण स्थान ओष्ठ है, सर्व. प्रश्न का निपात, बलवाची प्रत्यय,

    उदाहरण
    . प्र. हमउँ तौ ठाँडे ते उतै, किसी की बात ठीक से सुन या समझ न पाने पर पुनरावृत्ति हेतु निवेदन का निपात ।

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