उदान

उदान के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

उदान के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • प्राणवायु का एक भेद जिसका स्थान कंठ है, इसकी गति हृदय से कंठ और तालु तक और सिर से भ्रूमध्य तक है, इससे डकार और छींक आती है
  • श्वास, साँस
  • पक्ष्म, बरौनी
  • नाभि
  • प्रशंसा या आनंद की व्यंजना (बौद्ध)
  • एक प्रकार का सर्प

उदान के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

उदान के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • ऊपर की ओर साँस खींचना
  • कण्ठ देश में स्थित वायु , इसी से डकार और छींक आती है

    उदाहरण
    . प्रान उदान फिर बन बीथिनि अवलोकनि अभिलाषि।


पुल्लिंग

  • ऊपर की ओर साँस खींचना
  • कण्ठ देश में स्थित वायु , इसी से डकार और छींक आती है

    उदाहरण
    . प्रान उदान फिर बन बीथिनि अवलोकनि अभिलाषि।

उदान के मगही अर्थ

संज्ञा

  • शरीर के पाँच प्रकार की वायु में से एक जो कंठ में रहती है, इससे छीक और डकार आते हैं; आच्छादन रहित (घर); जिसके ऊपर कोई छाजन न हो; वर्षा शीत, गर्मी के लिए ऊपर से अनढ़का (मकान) खुले आसमान के नीचे

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