ughaD meaning in braj
उघड के ब्रज अर्थ
उघर
अकर्मक क्रिया, अकर्मक
-
प्रत्यक्ष होना, प्रकट होना
उदाहरण
. ज्यों ज्यों मद लाली चढ़े, त्यों त्यों उघरति जाइ । -
आवरण उतार कर नंगा होना
उदाहरण
. अब हौं उघरि नच्यो चाहत हौं, तुम्हें विरद बिन करिहीं। -
खलना
उदाहरण
. सहज कपाट उघरि गए, ताला कुजी टूटि । -
भेद खुलना
उदाहरण
. नंददास' प्रभु कछु न रहेगी, जब बातन उघरोंगी। . 'सूर' स्याम को बदन बिलोकत उघरि गई -
उचटना
उदाहरण
. कित हूँ उघरि कहूँ घुरि के रसत हो ।
उघड के तुकांत शब्द
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