ukhar meaning in braj
उखर के ब्रज अर्थ
अकर्मक क्रिया, अकर्मक
-
उखड़ना , जमी, गढ़ी या जड़ी हुई चीज का ऊपर आ जाना , अपनी जगह से हटना , टूटना
उदाहरण
. तन तहाँ फूलत ही तुरत उखरी सु बरवतर की करी। - बेताल या बेसुरा हो जाना , न जमना, तितर-बितर हो जाना
उखर के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- ईख बो जाने के पीछे हल पूजने की रीति, हरपुजी
उखर के यौगिक शब्द
संपूर्ण देखिएउखर के बुंदेली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- ऊख बोने के बाल हल पूजने की रीति, जिसे हर पुजी भी कहते हैं
उखर के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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