उपही

उपही के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

उपही के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • अपरिचित व्याक्ति, बाहरी या विदेशी आदमी बायबी, अजनबी

    उदाहरण
    . ये उपही कोउ कुँप्रर अहेरी। स्याम गोर धनुबान तूनधर बित्रकूट अब आय रहे री। . जानि पहिचानि बितु आपु ते आपुने हुबे प्रानहु तें प्यारे प्रियतम उपही।

उपही के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • अपरिचित, परदेशी, विदेशी, ऊपरी, वायवी

पुल्लिंग

  • अपरिचित, परदेशी, विदेशी, ऊपरी, वायवी

उपही के मगही अर्थ

  • भटकने वाला पशु, वह पशु जो बिना रखवाला के इधर-उधर भटकता रहता है, दे. 'अनेरिया, दे. 'छुटहा'

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