upraag meaning in braj
उपराग के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
(चंद्र या सूर्य) ग्रहण
उदाहरण
. बिनु परबहि उपराग आज हरि । -
(चंद्र या सूर्य) ग्रहण
उदाहरण
. बिनु परबहि उपराग आज हरि । - वर्ण
- वासना
- व्यसन
उपराग के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- रँगने वाली वस्तु, रंग
-
किसी वस्तु पर उसके पास की वस्तु का आभास पड़ना, अपने निकट की वस्तु के प्रभाव से किसी वस्तु का अपने असल रूप से भिन्न रूप में दिखाई पड़ना, समीप की वस्तु के प्रभाव से रंग-रूप में परिवर्तन, जैसे—लाल कपड़े के ऊपर रखा हुआ स्फटिक लाल दिखाई पड़ता है
विशेष
. सांख्य में बुद्धि के उपराग या उपाधि से पुरुष (आत्मा) कर्ता समझ पड़ता है, वास्तव में है नहीं। - भोग-विलास में अनुरक्ति, विषय में अनुरक्ति, विषयासक्ति, वासना
-
चंद्र या सूर्य ग्रहण
उदाहरण
. भएउ परब बिनु रबि उपरागा। - व्यसन
- निद्रा
उपराग के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएउपराग के मैथिली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- उपालंभ, सस्नेह दोषारोपण
Noun, Masculine
- amtable grievance complaint
उपराग के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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