upsarg meaning in braj
उपसर्ग के ब्रज अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- किसी शब्द से जुड़कर विशेष अर्थ द्योतन करने वाले अव्यय—प्र, परा, अप, सम, अनु, अव, निस्, निर्, दुस्, दुर्, वि, आङ, नि, अधि, अपि, अति, सु, उत्, अभि, प्रति, परि, उप आदि
उपसर्ग के अँग्रेज़ी अर्थ
Noun, Masculine
- a prefix
उपसर्ग के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
-
वह शब्द या अव्यय जो केवल किसी शब्द के पहले लगता है और उसमें किसी अर्थ की विशेषता ला देता है, जैसे अ, अनु, अप, अव, उप, वि, उद् इत्यादि
उदाहरण
. प्रहार में 'प्र' और अन्याय में 'अ' उपसर्ग है। - अशकुन, अपशगुन, बुरा लक्षण
- उपद्रव या विघ्न, दैवी उत्पात
- ग्रहण
- मृत्यु का लक्षण
- दुख, व्यथा
- भूत-प्रेत आदि दुष्ट आत्माओं का आधिकार
- योगियों के लिए उपसर्ग योग के पाँच साधन—प्रतिभा, श्रावण, दैव, भ्रम और आवर्तक, (मार्कंडेय पुराण)
-
वह पदार्थ जो कोई पदार्थ बनाते समय बीच में संयोगवश बन जाता या निकल आता है
उदाहरण
. गुड़ बनाते समय जो शीरा निकलता है, वह गुड़ का उपसर्ग है।
उपसर्ग के पर्यायवाची शब्द
संपूर्ण देखिएउपसर्ग के मैथिली अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- वह अव्यय जो किसी शब्द के पहले लगकर उसके अर्थ में परिवर्तन या किसी प्रकार की विशेषता उत्पन्न करता है
Noun, Masculine
- prefix, tag word
उपसर्ग के तुकांत शब्द
संपूर्ण देखिए
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