वज्र

वज्र के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

वज्र के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पुराणानुसार भाले के फल के समान एक शस्त्र जो इंद्र का प्रधान शस्त्र कहा गया है

    विशेष
    . इसकी उत्पत्ति की कथा ब्राह्मण ग्रंथों और पुराणों में लिखी हुई है । ऋग्वेद में उल्लेख है कि दधीचि ऋषि की हड्डी से इंद्र ने राक्षसों का ध्वस किया । ऐतरेय ब्राह्मण में इसका इस प्रकार विवरण है । दधीचि जब तक जीते थे, तब तक असुर उन्हें देखकर भाग जाते थे पर जब वे मर गए, तब असुरों ने उत्पात मचाना आरंभ किया । इंद्र दधीचि ऋषि की खोज में पुष्कर गए । वहाँ पता चला कि दधीचि का देहावसान हो गया । इसपर इंद्र उनकी हड्डी ढूँढने लगे । पुष्कर क्षेत्र में सिर की हड्डी मिली । उसी का वज्र बनाकर इंद्र ने असुरों का संहार किया । भागवत में लिखा है कि इंद्र ने वृत्रासुर का वध करने के लिये दधीचि की हड्डी से वज्र बनवाया था । मत्स्य- पुराण के अनुसार जब विश्वरकर्मा ने सूर्य को भ्रमयंत्र (खराद) पर चढ़ाकर खरादा था, तब छिलकर जो तेज निकला था, उसी से विष्णु का चक्र, रुद्र का शूल और इंद्र का वज्र बना था । वामनपुराण में लिखा है कि इंद्र जब दिति के गर्भ में घुस गए थे, तब वहाँ उन्हें बालक के पास ही एक मांसपिंड मिला था । इंद्र ने जब उसे हाथ में लेकर दबाया, तब वह लंबा हो गया और उसमें सौ गाँठें दिखाई पड़ीं । वही पीछे कठिन होकर वज्र बन गया । इसी प्रकार और और पुराणों में भी भिन्न भिन्न कथाएँ हैं ।

  • विद्युत् , बिजली , क्रि॰ प्र॰—गिरना , —पड़ना
  • हीरा—

    उदाहरण
    . मुझे बड़ी दयापूर्वक एक अमोल वज्र की अँगूठी केवल स्मरणार्थ दे गए थे ।

  • एक प्रकार का लोहा , फौलाद

    विशेष
    . वैद्यक के ग्रंथों में वज्रलौह के अनेक भेद कहे गए हैं । यथा—नीलपिंड, अरुणाभ, मोरक, नागकेसर, तित्तिरांग, स्वर्णवज्र, शैवालवज्र, शेणवज्र, रोहिणी, कांकोल, ग्रंथिवज्रक, और मदन ।

  • माला , बरछा

    उदाहरण
    . हरन रुक्मिनी होत है, दुहूँ ओर भईं भीर । अति अघात, कछु नाहिंन सूझत, वज्र, चलहिं ज्यों नीर । सूर॰ (शब्द॰) । ६

  • ज्योतिष में २२ व्यतीपात योगों में से एक
  • वास्तुविद्या के अनुसार वह स्तंभ (खंभा) जिसका मध्य भाग अष्टकोण हो
  • विष्णु के चरण का एक चिह्न ९
  • अभ्रक
  • कोलिलाक्ष वृक्ष
  • श्वेत कुश
  • काँजी
  • वज्रपुष्प
  • धात्री
  • थूहर का पेड़ , सेहूंड
  • कृष्ण के एकक प्रपौत्र जो अनिरुद्ध के पुत्र थे
  • विश्वामित्र के एक पुत्र का नाम
  • बौद्ध मत में चक्राकार चिह्न १९
  • बालक , शिशु (को॰)
  • आसन की एक मुद्रा या स्थिति , बैठने का एक प्रकार (को॰)
  • एक प्रकार का सैनिक व्यूह (को॰)
  • रत्न, मणि आदि छेदने का एक औजार (को॰)
  • वज्रवत् कठोर एवं घातक अस्त्र (को॰)
  • कठोर भाषा , वज्र की तरह कठोर भाषा (को॰)
  • अकलबीर नाम का पौधा

विशेषण

  • वज्र के समान कठिन, बहुत कड़ा या मजबूत, अत्यंत द्दढ़ और पुष्ट, जैसे,—यह मसाला जब सूखेगा, तब वज्र हो जायगा
  • घोर, दारुण, भीषण
  • वज्र अगिनि बिरहिनि हिय जारा, सुलगि सुलगि दहि कै भइ छारा, — जायसी (शब्द॰)
  • जिसमें अनी या शल्य हो, अनीदार, काँटेदार

वज्र से संबंधित मुहावरे

वज्र के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Masculine

  • thunderbolt, lightning
  • a fatal weapon

वज्र के ब्रज अर्थ

विशेषण, पुल्लिंग

  • इंद्रदेव का अस्त्र ; बिजली ; हीरा
  • कठिन , कठोर , मजबूत

वज्र के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • ठनका

Noun

  • thunderbolt.

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