वरांग

वरांग के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

वरांग के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • शरीर का श्रेष्ठ अंग अर्थात् सिर, मस्तक
  • गुदा
  • योनि
  • हस्ती, हाथी
  • विष्णु का एक नाम
  • कामदेव का एक नाम
  • एक प्रकार का नक्षत्र-वत्सर जो 324 दिनों का होता है
  • दारचीनी

    विशेष
    . एक प्रकार का वृक्ष जिसकी छाल सुगंधित होती है। भारत, अरब आदि देशों में पहले इसकी सुगंधित छाल चीन देश से आती थी, इसी से इसे दारु चीनी कहने लगे।

  • पेड़ की टहनी का सिरा
  • मुख्य भाग, उत्कृष्ट अंश
  • सुंदर रूप

विशेषण

  • सुंदर एवं सुघटित अंश युक्त, सुंदर अंगों वाला

वरांग के गढ़वाली अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • भेड़ की ऊन

Noun, Masculine

  • wool of sheep.

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