varg-khanD-meru meaning in hindi

वर्ग-खंड-मेरु

वर्ग-खंड-मेरु के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • छंद शास्त्र में वह क्रिया जिससे बिना मेरु बनाए ही वृत्त का काम निकल जाता है, यह पता चल जाता है कि इतने वर्गों के कितने वृत्त हो सकते हैं और प्रत्येक वृत्त में कितने गुरु और कितने लघु होते हैं

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