varN-nashT meaning in hindi

वर्ण-नष्ट

  • स्रोत - संस्कृत

वर्ण-नष्ट के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • पिंगल या छंदःशास्त्र में एक क्रिया जिसके द्वारा यह जाना जाता है कि प्रस्तार के अनुसार इतने वर्णों के वृत्तों के अमुक संख्यक भेद का रूप लघु गुरु के हिसाब से कैसा होगा

    विशेष
    . जितने वर्ण के प्रस्तार के किसी भेद का रूप निकालना हो, उतने लघु के चिह्न लिखकर उनके सिरे पर क्रमशः वर्णीद्दिष्ट अंक (१ से आरंभ करके क्रमशः दूने दूने अंक) लिखे । फिर अंतिम अंक का दूना करके उसमें से पूछी हुई संख्या घटावे । जो अंक शेष रहे, वह जिन जिन उद्दिष्टों के योग से बना हो, उनके नीचे की लघु मात्राओं के चिह्नों को गुरु कर दे । जो रूप सिद्ध होगा, वही उत्तर होगा । जैसे,—किसी ने पूछा कि चार वर्णों के प्रस्तार में तेरहवें भेद का रूप क्या होगा ? इसके लिये हमने यह क्रिया की—1 2 4 8 I I I I I I I I I I I I अंतिम अंक 8 का दूना 16 हुआ । उसमें से 13 घटाया, तो 3 रहा । अब हमने देखा कि 3 संख्या ऊपर दिए हुए उद्दिष्टांकों में से 1 और 2 जोड़ने से आ जाती है । अतः उनके नीचे गुरु बनाया तो यह रूप ऽऽ।। सिद्ध हुआ ।

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