varn-pratyay meaning in hindi

वर्ण-प्रत्यय

  • स्रोत - संस्कृत

वर्ण-प्रत्यय के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • छंदशास्त्र या पिंगल शास्त्र में वे क्रियाएँ जिनके द्वारा यह जाना जाता है कि अमुक संख्या के वर्णवृत्तों के कितने भेद हो सकते हैं और उनके स्वरूप क्या होंगे

    विशेष
    . जिस प्रकार मात्रिक छंदों में 9 प्रत्यय होते हैं, उसी प्रकार वर्णवृत्तों में भी 9 प्रत्यय होते हैं—प्रस्तार, सुची, पाताल, उद्दिष्ट, नष्ट, मेरु, खंडमेरु, पताका और मर्कटी।

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