varNsanhaar meaning in hindi
वर्ण-संहार के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- नाटकों में प्रतिमुख संधि के तेरह अंगों में से एक
-
(नाट्यशास्त्र) ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र इन चारों वर्णों के लोगों का एक स्थान पर सम्मेलन
विशेष
. भरत नाट्यशास्त्र के व्याख्याता अभिनव गुप्ताचार्य (अभिनव भारती) का मत है कि नाटक के विभिन्न पात्रों के एक स्थान पर सम्मेलन को वर्ण-संहार कहना चाहिए।
वर्ण-संहार के तुकांत शब्द
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