वत

वत के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

वत के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वह मनोवेग जो दूसरे का दुख देखकर उत्पन्न होता है, खेद
  • अनुकंपा
  • संतोष
  • विस्मय
  • मंगल कार्यों आदि में सम्मिलित होने के लिए मित्रों, संबंधियों आदि को अपने यहाँ बुलाने की क्रिया, आमंत्रण

अव्यय

  • शब्दों एवं विचारों पर जोर देने के लिये प्रयुक्त शब्द , विशेष दे॰ 'बत'

    विशेष
    . हिंदी में इसका प्रयोग नहीं मिलता है ।

वत के गढ़वाली अर्थ

वथ

क्रिया-विशेषण

  • उधर

Adverb

  • on the other side, on that side.

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