वीज

वीज के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

वीज के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मूल कारण
  • शुक्र, वीर्य
  • तेज

    उदाहरण
    . मनु पावक मझि वीज आनि अनरगन जग्गिय ।

  • अन्न आदि का बीज, बीआ
  • अंकुर
  • फल
  • आधार
  • निधि, खजाना
  • तत्व,
  • मूल
  • मज्जा
  • तांत्रिकों के अनुसार एक प्रकार के मंत्र जो बड़े बड़े मत्रों के मूल तत्व के रूप में माने जाते हैं, प्रत्येक देवी या देवता के लिये ये मंत्र अलग अलग होते हैं, जैसे,—ही, श्री, क्लीं आदि
  • बीजगणित

वीज के अंगिका अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • मूल कारण, तत्व, मूल बीज, अंकूर

वीज के ब्रज अर्थ

पुल्लिंग

  • दे० 'वीर्य'

वीज के मालवी अर्थ

सर्वनाम

  • वहीं, वे ही, उनको।

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