वीणा

वीणा के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

वीणा के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • एक बाजा, सितार

Noun

  • lute, lyre.

वीणा के अँग्रेज़ी अर्थ

Noun, Feminine

  • a typical Indian lute (with a large gourd at either end)
  • An Indian stringed instrument, with four main and three auxiliary strings

वीणा के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • प्राचीन काल का एक प्रसिद्ध बाजा , बीन

    विशेष
    . यह तत जातीय वाद्य है और इसका प्रचार अब तक भारत के पुराने ढंग के गवैयों में है । इसमें बीच में एक लंबा पोला दंड होता है, जिसके दोनों सिरों पर दो बड़े बड़े तूँबे लगे होते हैं और एक तूंबे से दूसरे तूँबे तक, बीच के दंड पर से होते हुए, लोहे के तीन और पीतल के चार तार लगे रहते हैं । लोहे के तार पक्के और पीतल के कच्चे कहलाते हैं । इन सातों तारों को कसने या ढीला करने के लिये सात खूँटिया रहती हैं । इन्हीं तारों को झनकारकर स्वर उत्पन्न किए जाते हैं । प्राचीन भारत के तत जाति के बाजों में वीणा सब से पुरानी ओर अच्छी मानी जाती है । कहते हैं, अनेक देवताओं के हाथ में यही वीणा रहती है । भिन्न भिन्न देवताओं आदि के हाथ में रहनेवाली वीणाओं के नाम अलग अलग हैं । जैसे,— महादेव के हाथ की वीणा लंबी, सरस्वती के हाथ की कच्छपी, नारद के हाथ की महती, विश्वावसु की वृहती और तुंबुरु के हाथ की कलावती कहलाती है । वत्सव उदयन की वीणा का नाम घोषवती या घोषा था । इसके अतिरिक्त वीणा के और भी कई भेद हैं । जैसे,—त्रितंत्री, किन्नरी, विपंची, रंजनी, शारदी, रुद्र और नादेश्वर आदि । इन सबकी आकृति आदि में भी थोड़ा बहुत अंतर रहता है ।

    उदाहरण
    . शीला वीणा बजाने में निपुण है ।

  • विद्युत् , बिजली
  • ज्योतिष में ग्रहों की एक विशेष अवस्थिति
  • एक योगिनी का नाम

वीणा के पर्यायवाची शब्द

संपूर्ण देखिए

वीणा के अंगिका अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • प्राचीन काल का प्रसिद्ध बाजा

वीणा के गढ़वाली अर्थ

वीणा'

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • जागृत अवस्था, जो सोया हुआ न हो
  • जागते हुए तो दिखाई नहीं देती है पर स्वप्न में आ जाती है
  • एक प्रसिद्ध वाद्य यंत्र जो सभी वाद्ययंत्रों में श्रेष्ठ माना जाता है

Noun, Feminine

  • awakening, wakefulness.

    उदाहरण
    . वीणा नि औन्दी पर औन्दी स्वीणा

  • a famous Indian musical instrument with large gourd at either end, a lute, a lyre.

वीणा के ब्रज अर्थ

स्त्रीलिंग

  • वाद्य विशेष, यह तमूरे या सितार जैसा होता है, नारद और देवी सरस्वती का यह प्रिय वाद्य है

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