viparyay meaning in maithili

विपर्यय

विपर्यय के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

विपर्यय के मैथिली अर्थ

संज्ञा

  • उनटफेर, परिवर्तन, व्यतिक्रम
  • विन्न, अशुभ घटना

Noun

  • perversion, reversal.
  • mishap, sad incident, tragedy.

विपर्यय के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक वस्तु का दूसरी के स्थान पर और दूसरी का पहली के स्थान पर होना , उलट पुलट , इधर का उधर , जैसे,—वर्णविपर्यय
  • ऐसा परिवर्तन जिसमें दो वस्तुओं की स्थिति पूर्वस्थिति से विरुद्ध हो जाय , जैसी चाहिए, उससे विरुद्ध स्थिति , और का और , व्यतिक्रम
  • मिथ्या ज्ञान , और का और समझना

    विशेष
    . योग दर्शन के अनुसार 'विपर्यय' चित्त की पाँच प्रकार की वृत्तियों (प्रमाण, विकल्प आदि) में से एक है । जैसे,—रस्सी को साँप या सीप की चाँदो समझता । ययार्थ ज्ञान द्वारा इसका निराकरण होता है । इस 'विपर्यय' या विपरीत ज्ञान के पाँच अवयव कहे गए हैं—अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष और अभिनिवेश । इन्हीं को सीख्य में क्रमशः तम, माह, महामीह तामिस्त्र और अंधतामिस्त्र कहते हैं ।

  • भ्रम , भूल , गलती , समझ का फेर
  • गड़बड़ी , अव्यवस्था
  • नाश , विनाश
  • अदल बदल , विनिमय (को॰)
  • शत्रुता (को॰) ९
  • बैर , विरोध (को॰)
  • प्रलय (को॰)
  • अभाव , अनस्तित्व (को॰)

विपर्यय के पर्यायवाची शब्द

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