viraaj meaning in braj
विराज के ब्रज अर्थ
विशेषण, पुल्लिंग
- बिजार का अपभ्रंश , साँड़
-
अराजक शासन रहित
उदाहरण
. सुनि नाथ दुख की गाथ, जासों होत सहर बिराज ।
सकर्मक क्रिया, सकर्मक
-
होना , रहना ; शोभित होना; प्रकाशित होना
उदाहरण
. कृपा विशेष विराजहु निसि दिन जोरी गिरिधर साथ की ।
विराज के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- मंदिर का एक विशेष प्रकार
- एक प्रकार का पौधा
- एक प्रजापति का नाम
- राजा
- ब्रह्मांड
- क्षत्रिय
विशेषण
- अत्युत्तम, अत्यंत उत्कृष्ट
- शासन करने वाला
- चमकने वा द्योतित होने वाला, चमकीला
- राज्य-रहित
विराज के तुकांत शब्द
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