vishamjvar meaning in hindi

विषमज्वर

विषमज्वर के अर्थ :

  • स्रोत - संस्कृत

विषमज्वर के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • वैद्यक के अनुसार एक प्रकार का ज्वर जो होता तो नित्य है, पर जिसके आने का कोई समय नियत नहीं होता

    विशेष
    . इस ज्वर में तापमान भी समान नहीं रहता और नाड़ी की गति भी सदा एक सी नहीं रहती, बराबर बदलती रहती है। इसलिए इसे विषमज्वर कहते हैं। ज्वर का यह रूप किसी साधारण ज्वर के बिगड़ने अथवा पूरी तरह अच्छे न होने पर कुपथ्य करने के कारण होता है। वैद्यक में इसके अनेक भेद कहे गए हैं। जैसे—संतत, सतत, तृतीयक, चतुर्थक आदि।

    उदाहरण
    . जो ज्वर छोड़ दे और फिर आ जावे उसके विषमज्वर कहते हैं।

  • मच्छरों के दंश से फैलने वाला एक प्रकार का ज्वर जिसके साथ प्रायः जिगर और तिल्ली भी बढ़ती है, इसके आरंभ में बहुत जाड़ा लगता है, इसी से इसे जूड़ी और शीत ज्वर भी कहते हैं (मलेरिया)
  • क्षय रोग में होने वाला ज्वर

विषमज्वर के ब्रज अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • जाड़ा देकर आने वाला ज्वर, जूड़ी

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