vraj meaning in braj
व्रज के ब्रज अर्थ
पुल्लिंग
- मथुरा मंडल
पुल्लिंग
- श्रीकृष्ण , २ इंद्र; ईश्वर ; दे० 'व्योम' ; समूह ; गो स्थान
व्रज के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- जाना या चलना, व्रजन, गमन
- समुह, झुड़
- मथुरा और वृदावन के आसपास का प्रांत जो भगवान् श्रीकृष्ण का लीलाक्षेत्र है और जौ इसी कारण बहुत पवित्र माना जाता है, पुराणों आदि के अनुसार मथुरा से चारों ओर८४-८४कोस तक की भूमि ब्रजभूमि कही गई है; और इसकी पदक्षिणा का बहुत अधिक माहात्म्य कहा गया है
-
अहीरों का टोला य़ा बाड़ा
उदाहरण
. नयननि को फल लेति निराख खरा मृग सुरभी व्रजवधु अहीर । - गोष्ठ, गोकुल, गोशाला
- आवास, विश्राम करने की जगह
- पथ, सड़क, मार्ग
- बादल
व्रज के पर्यायवाची शब्द
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