आडंबर के पर्यायवाची शब्द
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अनुकृति
समान आचरण, देखा देखी कार्य, नकल, अनुकरण
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आकृति
बनावट, गठन, ढाँचा
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उलझाव
अटकाव, फँसाव,
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ऐश्वर्य
धन-संपत्ति, वैभव, विभूति
- कपट
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खेला
क्रीड़ा, खेल, मनबहलाव
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छंद
एक आभूषण जो हाथ में चूडियों के बीच पहना जाता है
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छद्म
छिपाव, गोपन
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छल
वास्तविक रूप को छिपाने का कार्य जिससे कोई वस्तु या कोई बात और की और देख पड़े , वह व्यवहार जो दूसरी को धोखा देने या बहलाने के लिये किया जाता है
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छल-छंद
दूसरे को छलने के लिए किया जानेवाला छलपूर्ण व्यवहार
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झगड़ा
दो मनुष्यों का परस्पर आवेशपूर्ण विवाद, लड़ाई, टंटा, बखेड़ा, कलह, हुज्जत, तकरार, क्रि॰ प्र॰—करना, —उठाना, —समेटना, —डालना, — फैलाना, —तोड़ना, —खड़ा करना, —मचाना, —लगाना
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झंझट
व्यर्थ का झगड़ा, टंटा, बखेड़ा
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टंटा
उपद्रव, हलचल, दंगा, फसाद, क्रि॰ प्र॰—मचाना
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डबर
आडंबर
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ढकोसना
एकबारगी या भुखमरी की तरह कोई चीज़ अधिक खाना या पीना, बहुत खाना-पीना, भकोसना
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ढकोसला
ऐसा आयोजन जिससे लोगों को धोखा हो, धोखा देने का या मतलब साधने का ढंग, आडंबर, मिथ्या जाल, कपट व्यवहार, पाखंड
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ढाँचा
किसी वस्तु की रचना की प्रारंभिक अवस्था में स्थूल रूप से संयोजित अंगों की समष्टि, किसी चीज को बनाने के पहले परस्पर जोड़ जाड़कर बैठाए हुए उसके भिन्न भिन्न भाग जिनसे उस वस्तु का कुछ आकार खड़ा हो जाता है, ठाट, टट्टर, डौल, जैसे,— अभी तो इस पालकी का ढाँचा खड़ा हुआ है, तख्ते आदि नहीं जड़े गए है, क्रि॰ प्र॰—खड़ा करना, —बनाना
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ढोंग
वह आचरण, काम आदि जिसमें ऊपरी बनावट का भाव रहता है
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तड़क-भड़क
बनावटी आभा या दीप्ति
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दिखावा
आडंबर, झूठा- ठाठ, ऊपरी तड़क भड़क
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नाटक
नाट्य या अभिनय करने वाला , नट, अभिनय करने या स्वाँग दिखाने वाला पुरुष
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प्रतारण
वंचना, ठगी
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प्रदर्शन
दिखलाने का काम
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प्रवंचना
ठगने का काम , छलना, ठगपना, धुर्तता
- पाखंड
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बखेड़ा
उलझाव, झझट, उलझन, जैसे,— इस काम में बहुत बखेड़ा होगा
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बनावट
बनने या बनाने का भाव, रचना, गढ़त, जैसे,—इन दोनों कुरसियों की बनावट में बहुत अंतर है
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मुश्किल
जो करने में बहुत कठिन हो, जो आसान न हो, कठिन, दुष्कर, दुस्साध्य
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रचना
कोई चीज़ रचने अर्थात् बनाने की क्रिया या भाव, बनावट, निर्माण
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रूप
किसी पदार्थ का वह गुण जिसका बोध द्रष्टा , को चक्षुरिंद्रिय द्बारा होता है , पदार्थ के वर्णो और आकृति का योग जिसका ज्ञान आँखों को होता है , शकल , सूरत , आकार
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रूपक
मूर्ति, प्रतिकृति
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व्यवहार
क्रिया, कार्य, काम
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विवाद
किसी बात या वस्तु पर ज़बानी झगड़ा, वाक् युद्ध, कहासुनी, तकरार, बहस
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विस्तार
लंबे या चौड़े होने का भाव, फैले होने का भाव, फैलाव, जैसे—(क) इस मकान का विस्तार कम है, (ख) तुम बातों का बहुत अधिक विस्तार करते हो
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शृंगार
साहित्य शास्त्र के नौ रसों में पहला रस
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शान
तड़क भड़क , ठाट बाट , सजावट , जैसे,—कल बड़ी शान से सवारी निकली थी
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सजधज
बनाव सिंगार, सजा- वट, जैसे,—उनकी बारात बहुत सजधज से निकली थी
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सजावट
सज्जित होने का भाव या धर्म
- स्वाँग
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