आराम के पर्यायवाची शब्द
-
अमा
अमावस्या
-
अयन
सूर्य का विषुवत रेखा के उत्तर या दक्षिण में दीखने की अवधि, छ: मास का समय
-
आगार
घर स्थान
-
आयतन
मकान, घर
-
आलय
घर , मकान , मंदिर e उ०—सदन, सद्म, आराम, गृह, आलय, निलय, नं० १०/
-
आश्रय
वह जिसका सहारा लेकर या जिसके आसरे पर रहा जाय, अवलंब, सहारा
-
आस्पद
स्थान
-
उदायन
बाग, वाटिका, उपवन
-
उद्यान
बाड़ी, बाग़, फुलबाड़ी
-
उपराम
विरक्ति , वैराग्य
-
उपवन
बाग , फुलवारी
-
ऐश
आराम , चैन , भोग विलास
-
ओक
उलटी करो, उगलो
-
कल
दे. 'कठजीभा'; जिसकी जीभ काली हो
-
कृंतन
ध्वज ; चिह्न ; घर ; स्थान
-
गुलिस्ताँ
वह स्थान जहाँ फूलों के बहुत से पौधे आदि लगे हों, बाग़, उपवन, वाटिका, फुलवारी
-
गृह
घर, भवन
-
गेह
घर , मकान
-
चमन
दर्शनीय, पूरी तरह से चमकाया हुआ
-
चैन
निश्चिन्त आनन्द सुख
-
ठाट
ठाट करना; सजाना; आयोजन करना
-
डेरा
अस्थाई, आवास घर-गृहस्थी का आवश्यक सामान, शब्द युग्म-डेरा-टकोरा, डेरा-डंगा
-
ढंग
रीति, प्रणाली, प्रक्रिया
-
तड़क-भड़क
बनावटी आभा या दीप्ति
-
तपस्वी
तप करने वाला पुरुष
-
तापस
तेजपात
-
दिखावा
आडंबर, झूठा- ठाठ, ऊपरी तड़क भड़क
-
धाम
तीर्थ, धाम, लक्ष्य, 'धाम धोंणों'-लक्ष्य तक पहुँचना, 'चारै धाम'- चारों तीर्थ- बदरी- केदार, द्वारका, पुरी (जगन्नाथ), कांची
-
निकृंतन
काटने की क्रिया, काटना, छेदन, विदारण, खंडन
-
निकेत
भवन, घर
-
निकेतन
मनुष्यों द्वारा छाया हुआ वह स्थान, जो दीवारों से घेरकर रहने के लिए बनाया जाता है, वासस्थान, निवास, निकेत, साकेत, घर, मकान
-
नियंत्रण
नियमन, रोक
-
निलय
वास स्थान , आश्रय स्थान
-
निवास
रहबाक जगह, वासस्थान
-
निवेश
प्रवेश ; आसन ; स्थापन
-
निष्कुट
धर के पास का बाग, नजर बाग, पाई बाग
-
परिव्राजक
'परिव्राज'
-
पुर्ज़ा
कागज़ का कम चौड़ा और अधिक लंबा टुकड़ा जिस पर कुछ लिखा हो
-
प्रतिबंध
रोक, रुकवट, अटकाव
-
फुलवारी
उद्यान, बगीचा, फूलों का बाग
-
बगीचा
बाटिका, उपवन, छोटा बाग
-
बग़ीचा
उपवन, बाग
-
बाग
लगाम
-
बाग़
ब्याघ्र, बाघ, 'बाग ऐगो'-बाघ आ गया है
-
बाग़
घोड़े आदि की लगाम, बागडोर
-
भवन
कोल्हू के चारों ओर का वह चक्कर जिसमें बैल घूमते हैं
-
भिक्षु
भिखारि
-
भोग
भोगना, व्यवहार में लाना,भोजन, खाद्य, ईश्वर को नैवेद्य लगाना।
-
यंत्र
तांत्रिकों के अनुसार कुछ विशिष्ट प्रकार से बने हुए आकार या कोष्ठक आदि, जिनमें कुछ अंक या अक्षर आदि लिखे रहते हैं और जिनके अनेक प्रकार के फल माने जाते हैं , तांत्रिक लोग इनमें देवताओं का अधिष्ठान मानते हैं , लोग इन्हें हाथ या गले में पहनते भी हैं , जंतर
-
यति
वह जिसने इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर ली हो और जो संसार से विरक्त होकर मोक्ष प्राप्त करने का उद्योग करता हो, संन्यासी, त्यागी, योगी
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
© 2024 Rekhta™ Foundation. All Right Reserved.
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा