आसन के पर्यायवाची शब्द
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अग
न चलने वाला स्थावर
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अधिष्ठान
आधिकारिक रूप से रहने का स्थान, वास स्थान
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अर्घ्य
पूजनीय
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आचमन
जल पीना
- आधार
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आसंदी
मचिया, मोढ़ा, कुरसी, बैठने का कुछ ऊँचा छोटा आसन
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कुज
'कुछ'
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कुट
घर, गृह
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कुठ
पेड़, वृक्ष, गाछ
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क्षितिरुह
वृक्ष
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कांची
स्त्रियों द्वारा कमर में धारण की जाने वाली करधनी, मेखला, क्षुद्रघंटिका
- गद्दी
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गंध
बास, महक, ख़ुशबू
- चौकी
- ठीहा
- तरु
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तांबूल
पान, नागवल्ली दल
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द्रुम
वृक्ष
- दीप
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धूप
देवपूजन में या सुगंध के लिए कपूर, आग, गुग्गुल, आदि गंधद्रव्यों को जलाकर उठाया हुआ धुआँ, सुगंधित धूम
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नगर
मनुष्य की वह बस्ती जो गाँव और कस्बे से बहुत बड़ी होती है और जिसमें सब तरह के बहुत-से लोग रहते और बाज़ार होते हैं, शहर
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नैवेद्य
देवता के निवेदन के लिए भोज्य द्रव्य, वह भोजन सामग्री जो देवता को चढ़ाई जाय, देवता को समर्पित भोज्य पदार्थ, भोग, प्रसाद, देव-बलि
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पेड़
जो चुका दिया गया हो, जो चुकता कर दिया गया हो
- पद
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परिक्रमा
चारो ओर घूमना , फेरी , चक्कर , प्रदक्षिणा , क्रि॰ प्र॰—करना , —होना , विशेष—किसी तीर्थस्थान या मंदिर के चारों ओर जो घूमते हैं उसे परिक्रमा कहते हैं
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पुष्प
पौधों में वह अंग जो गोल या लंबी पंखुड़ियों का बना होता है और जिसमें फल उत्पन्न करने की शक्ति होती है, पौधों का वह अवयव जो ऋतु-काल में उत्पन्न होता है, फूल, कुसुम
- पादप
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पाद्य
पद संबंधी, पैर संबंधी
- पीठ
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पीठक
पीढ़ा
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पीठा
एक पकवान जो आटे की लोईयों में चने या उरद की पीठी भरकर बनाया जाता है
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पीढ़ा
चौकी के आकार का वह आसन जिसपर हिंदू लोग विशेषतः भोजन करते समय बैठते हैं , पाटा , पीठ , पीठक
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मठ
निवासस्थान , रहने की जगह
- मधुपर्क
- यज्ञोपवीत
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वक्ष
पेट और गले के बीच में पड़नेवाला भाग जिसमें स्त्रियों के स्तन और पुरुषों के स्तन के से चिह्न होते हैं, छाती, उरस्थल
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वंदना
प्रार्थना, स्तुति
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वेदी
पंडित, विद्धान्, आचार्य
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वृंदी
वृंदवाला, जो समूहों में बँटा हो, समूह वाला
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वनस्पति
वह वृक्ष जिसमें फूल न हो (अर्थात् न दिखाई पड़े) केवल फल ही हों
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विटप
वृक्ष या लता की नई शाखा, कोंपल
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विटपी
जिसमें नई शाखाएँ या कोंपलें निकली हों
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विष्टर
विस्तृत, लंबा-चौड़ा
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शाखी
(वृक्ष) जिसकी अनेक शाखाएँ हों, शाखाओं से युक्त, शाखावाला
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शाल
एक प्रकार का प्रसिद्ध वृक्ष , सखुआ , साखू , सालू
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शिखरी
पर्वत, पहाड़
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षोडश पूजन
षोडशोपचार
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स्थान
ठहराव, टिकाव, स्थिति
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स्नान
शरीर को स्वच्छ करने या उसकी शिथि- लता दूर करने के लिये उसे जल से धोना, अथवा जल की बहती हुई धारा में प्रवेश करना, अवगाहन, नहाना, विशेष दे॰ 'नहाना'
- सीमा
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