आत्मा के पर्यायवाची शब्द
-
अक्षर
अच्युत, स्थिर
-
अज
जिसका जन्म न हो, जन्म के बंधन से रहित, अजन्मा, स्वयंभू
-
अजन्मा
जन्मरहित, जिसका जन्म न हुआ हो, जो जन्म के बंधन में न आवे, अनादि, नित्य, अविनाशी
-
अंतर
समान न होने की अवस्था या भाव, फ़र्क़, भेद, विभिन्नता, अलगाव, फेर
-
अंतरतम
सबसे भीतर का भाग या हिस्सा, अंतस्तल
-
अंतर्भूत
जो किसी दूसरी वस्तु में जाकर मिल गया हो मगर फिर भी अपना स्वतंत्र सत्ता या रूप रखता हो, किसी के अंदर स्थित, भीतर समाया हुआ, समाविष्ट, अंतर्गत, शामिल
-
अंतरात्मा
जीवात्मा, जीव, प्राणी
- अवकाश
-
आत्मभू
अपने शरीर से उत्पन्न
-
आंतरिक
जो अंदर का हो, भीतरी, अंदरूनी
-
आदमी
आदम की संतान, मनुष्य, मानव
-
आदित्य
अदिति के पुत्र
- ईश्वर
-
कूटस्थ
सर्वापरि स्थिति, आला दर्जे का
-
कलकंठ
कोकिल, कोयल
-
कामदेव
स्त्री पुरुष के संयोग की प्रेरणा करने वाला एक पौराणिक देवता जिसकी स्त्री रति, साथी बसंत, वाहन कोकिल, अस्त्र फूलों का धनुष बाण है तथा उसकी ध्वजा पर मीन और मकर का चिन्ह है, मदन, कंदर्प, ब्रहमसु, ऋश्वकेतु, मकरध्वज
-
कारंडव
बतख़ या हंस की जाति का एक पक्षी
-
गगन
आसमान, आकाश, नभ, व्योम, अंतरिक्ष, आकाशस्थ ईश्वर या देव, खुले स्थान में ऊपर की ओर दिखाई देने वाला खाली स्थान, आकाश
-
गुरु
अधिक लंबाई-चौड़ाई या विस्तारवाला, लंबे-चौड़े आकार वाला, बड़ा
-
घनिष्ठ
गाढ़ा घना, बहुत अधिक
-
चक्रांग
चकवा
-
चेतन
आत्मा, जीव
- चैतन्य
- चित्
- छाग
-
ज्ञाता
जाननेवाला, ज्ञान रखने वाला, जानकार
-
जन
लोक, लोग
-
जीव
प्राणियों का चेतन तत्व, जीवात्मा, आत्मा
-
जीव
प्राणियों का चेतन तत्व, जीवात्मा, आत्मा
-
जीवधारी
प्राणी, जानवर, चेचन जंतु
-
जीवात्मा
प्राणियों की चेतनवृत्ति का कारणस्वरूप पदार्थ, वह तत्व जो प्राणियों की चेतनवृत्ति या जीवन का मूल कारण हो, आत्मा, प्रत्यगात्मा, जीव
-
जीवित
जीता हुआ, जिंदा, सप्राण
-
तप
शरीर को कष्ट देने वाले वे व्रत और नियम आदि जो चित्त को शुद्ध और विषयों से नीवृत्त करने के लिये किए जायँ, तपस्या, क्रि॰ प्र॰—करना, —साधना
-
दर्शक
जो देखे, दर्शन करने वाला, देखने वाला
-
द्रष्टा
देखने वाला, प्रत्यक्षदर्शी
-
देवता
स्वर्ग में रहनेवाला अमर प्राणी
-
दृश्यमान
जो दिखाई पड़ रहा हो
- देह
-
दादी
पिता की माता, दादा की स्त्री
-
धर्म
किसी व्यक्ति के लिए निश्चित किया गया कार्य-व्यापार; कर्तव्य
-
धव
एक जंगली पेड़ जिसकी पत्तियाँ अमरूद या शरीफे की पत्तियों जैसी होती हैं
-
नर
विष्णु
-
निकट
पास का, समीप का, जो दूर न हो
- नित्य
-
पुद्गल
देखने में अच्छा और मन को लुभाने वाला
- पदार्थ
-
पुमान्
मर्द, नर, पुरुष
-
प्रज्ञा
बुद्धि, ज्ञान, ज्ञप्ति, मति
-
पुरुदंशक
हंस
-
प्रभु
वह जो अनुग्रह या निग्रह करने में समर्थ हो, जिसके हाथ में रक्षा, दंड और पुरस्कार हो, अधिपति, नायक
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
© 2024 Rekhta™ Foundation. All Right Reserved.
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा