अब्द के पर्यायवाची शब्द
-
अंतरिक्ष
पृथ्वी और सूर्या आदि लोकों के बीच का स्थान, पृथ्वी और अन्य ग्रहों के चारों ओर का स्थान, कोई दो ग्रहों या तारों के बीच का शून्य स्थान, आकाश, अधर, रोदसी, शून्य
-
अंबर
खुले स्थान में ऊपर की ओर दिखाई देने वाला खाली स्थान, आकाश, आसमान
-
अंबुद
अंबु या जल देने वाला अर्थात बादल, मेघ
-
अंबुधर
जल धारण करने वाला
-
अंबुवाह
बादल, मेघ
-
अक्षर
अच्युत, स्थिर, अविनाशी, नित्य
-
अनंत
जिसका अंत न हो, जिसका पार न हो, असीम, बेहद, अपार
-
अभ्र
मेघ
-
अम्र
आम्र
-
अर्णव
समुद्र
-
अर्णोद
एक प्रकार की घास जो गीली भूमि में उत्पन्न होती है
-
अर्श
पापयुक्त, दुर्भाग्य लानेवाला
-
अवकाश
स्थान , जगह
-
असुर
नीचकर्मा
-
आकाश
सुनसान, रहित ज्ञानशून्य-ज्ञानरहित
-
आसमान
आकाश, गगन, आसमाँ
-
उच्चटा
एक प्रकार की घास
-
उपल
पत्थर
-
ऊर्ध्वलोक
आकाश , २ स्वर्ग
-
कंद
वह जड़ जो गूदेदार और बिना रेशे की हो , जैसे—सूरन, मूली, शकरकंद इत्यादि
-
कंधर
गरदन, ग्रीवा
-
कय
कितने, कयठू, कयठे, संख्या में कितने
-
करधर
बादल, मेघ
-
कशेरु
रीढ़ की हड्डी
-
क्षय
धीरे-धीरे घटना, ह्रास, अपचय, छीजन
-
क्षर
जिसका क्षरण होता हो या होने को हो, नाशवान्, नश्वर, नष्ट होनेवाला
-
खग
पक्षी, चिड़िया
-
खगोल
आकाश मंडल
-
गगन
आसमान, आकाश, नभ, व्योम, अंतरिक्ष, आकाशस्थ ईश्वर या देव, खुले स्थान में ऊपर की ओर दिखाई देने वाला खाली स्थान, आकाश
-
गम
राह, मार्ग, रास्ता
-
गय
घर, मकान
-
गयशिर
अंतरिक्ष, आकाश
-
गांगेय
गंगा से उत्पन्न होने के कारण भीष्म पितामह का एक नाम
-
ग्रंथि
गाँठ
-
ग्रहनेमि
चंद्रमा के मार्ग का वह भाग जो मूल और मृगशिरा नक्षत्रों के बीच में पड़ता है
-
घन
घना, पास सटी हुई वस्तुए जैसे पेड़-पौधे तथा यारी-दोस्ती
-
छायापथ
असंख्य नक्षत्रों का विशिष्ट समूह जो हमें उत्तर से दक्षिण की ओर फैला हुआ दिखाई देता है, आकाशगंगा, आकाश जनेऊ, हाथी की डहर
-
जलद
जल देने वाला, जो जल दे
-
जलधर
मेघ , बादल
-
ज्योतिष्पथ
आकाश, अंतरिक्ष
-
तारापथ
आकाश
-
तारायण
आकाश
-
तोयधर
मेघ, बादल
-
त्रिदिव
स्वर्ग
-
त्रिविष्टप
स्वर्ग
-
दिव
स्वर्ग
-
दुर्दर
'दुर्धर'
-
द्यु
दिन
-
द्यौ
दिवस, दिन
-
द्राप
मूर्ख
सब्सक्राइब कीजिए
आपको नियमित अपडेट भेजने के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए आपके ई-मेल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
© 2024 Rekhta™ Foundation. All Right Reserved.
क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा