अद्वैत के पर्यायवाची शब्द
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अंतरपुरुष
अंतःकरण में स्थित जीव को प्रेरित करने वाला ईश्वर
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अंतर्ज्योति
धर्मग्रंथों द्वारा मान्य वह सर्वोच्च सत्ता जिसे सृष्टि का स्वामी माना जाता है, अंतर्यामी, परमेश्वर
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अंतर्यामी
ईश्वर, परमात्मा, चैतन्य, पर्मश्वर, पुरुष
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अकाय
जो बिना शरीर या काया के हो, कायारहित, बिना शरीरवाला, देहरहित
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अकारण
बिना कारण का, हेतुरहित, बिना वजह का
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अकेला
दे. अकेलुआ
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अक्षय
जिसका क्षय न हो, अनश्वर, सदा बना रहने वाला, कभी न चुकने वाला
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अगम
जहाँ कोई जा न सके, न जाने योग्य, पहुँच के बाहर, दुर्गम, अवघट
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अगाध
अथाह, असीम, बहुत गहरा, गभीर
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अगुण
जिसमें गुण न हो. 2. निर्गुण
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अगोचर
जो इन्द्रियों के द्वारा न जाना जा सके, इन्द्रियातीत,
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अच्युत
विष्णु और उनके अवतारों का नाम
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अच्युतानंद
आनंदस्वरुप परमात्मा, ईश्वर
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अज
जिसका जन्म न हो, जन्म के बंधन से रहित, अजन्मा, स्वयंभू
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अजन्मा
जन्म-रहित , जिसका जन्म न हुआ हो , अनादि , नित्य , अविनाशी
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अजर
निर्जर, देवता
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अज्ञय
जो समझ में न आये, ज्ञानातीत, जिसको जाना न जा सके
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अतीत
संगीत में वह स्थान जो सम से दो मात्राओं के उपरांत आता है, यह स्थान कभी-कभी सम का काम देता है
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अदृश्य
जो दिखाई न दे, परोक्ष, अलख, लुप्त, ग़ायब, अंतर्धान, अलोप, ओझल
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अद्वय
द्वैत का अभाव, ऐक्य, अद्वैत
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अद्वितीय
जिसके समान कोई दूसरा न हो, जिसके जोड़ या बराबरी का कोई न हो, बेजोड़, अनुपम
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अधिष्ठाता
अध्यक्ष , प्रधान नियंता
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अनंत
जिसका अंत न हो, जिसका पार न हो, असीम, बेहद, अपार
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अनन्य
अन्य से संबंध न रखने वाला, एक ही में ही में लीन, एकनिष्ठ
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अनादि
जिसका आदि न हो, आदि रहित, जिसका आदि या आरंभ न हो
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अनुपम
उपमा विहीन, बहुत अच्छा अनोखा, अपूर्व
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अन्यतम
अनेकमे कोनो एक
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अभेद
जिसमें कोई भेद न हो
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अयोनि
जो योनि से उत्पन्न न हुआ हो , अजन्मा
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अलख
जो दिखाई न पड़े, जो नज़र न आए, अदृश्य, अप्रत्यक्ष
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अव्यक्त
जो स्पष्ट न हो, अप्रत्यक्ष, अगोचर
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अव्यय
कारकसम्बन्धरहित शब्द, जेना अहा, आओर इत्यादि
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आत्मभू
स्वतः उत्पन्न होने वाला
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आदि
प्रथम , पूर्व , आरंभिक
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आदि पुरुष
परमेश्वर, ईश्वर, विष्णु
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ईश
स्वामी , मानिक
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ईश्वर
शिव ब्रह्मा, स्वामी, कामदेव
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एक
इकट्ठा, एकत्र, एक जगह या ठिकाने का, एक स्थानीय
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एकमात्र
एक ही, केवल एक, अकेला
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एकरूप
समान रूप वाला, एक-सा, अपरिवर्तनशील
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कर्ता
व्याकरण के छः कारकों में पहला कारक
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कूटस्थ
सर्वोच्च पद पर स्थित ; अटल अचल ; अविनाशी
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गुणातीत
गुणों से परे , निर्गुण
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गोसाई
गौओं का स्वामी या अधिकारी
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चिन्मय
चेतनासंपन्न, जो ज्ञान से भरा हुआ हो, पूर्ण तथा विशुद्ध ज्ञानमय, ज्ञानस्वरूप
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चैतन्य
चित् स्वरूप, आत्मा ज्ञान
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जगदीश
परमेश्वर
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जगदीश्वर
जगत का सृष्टा-द्रष्टा
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ठाकुर
देवालय, मंदिर; विष्णु मंदिर, वैष्णव मंदिर
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तत्पुरुष
एहन समास जे बीचक कारकचिह्नक लोप कएने बनैत अछि
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