ऐश्वर्य के पर्यायवाची शब्द
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अधिकृत
अधिकार में आया हुआ, हाथ में आया हुआ, जिसका अधिग्रहण किया हो
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अमला
कर्मचारी
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आडंबर
ठाठ
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इंदिरा
लक्ष्मी, शोभा, कान्ति
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इच्छा
अभिलाषा, लालख, चाह, आकांक्षा
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इड़ा
पृथ्वी
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ईश्वर
शिव ब्रह्मा, स्वामी, कामदेव
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ऋद्धि
उन्नति, सम्पन्नता अभिवृद्धि
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कमला
विष्णु की पत्नी, धन की अधिष्ठात्री देवी जो विष्णु की पत्नी कही गई हैं, लक्ष्मी
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कांति
पति, शौहर
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कीर्ति
ख्याति, यश
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कुमारी
कुआँरी कन्या, अविवाहिता कन्या
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केलि
खेल , क्रीड़ा
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क्षीरजा
लक्ष्मी
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गरिमा
गुरुता २ महत्त्व
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गिरा
वह शक्ति जिसकी सहायता से मनुष्य बातें करता है , बोलने की ताकत
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गौरव
सम्मान, आदर
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गौरी
पार्वती, आठ वर्ष की कन्या
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चंचला
लक्ष्मी
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चंद्र
चंद्रमा, चाँद
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चला
बिजली, दामिनी
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जायदाद
संपत्ति; मिल्कियत; (प्रॉपर्टी)
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ज्ञान
वस्तुओं और विषयों की वह भावना जो मन या आत्मा को हो, बोध, जानकारी, प्रतीति, क्रि॰ प्र॰—होना
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तड़क-भड़क
बनावटी आभा या दीप्ति
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तुलसी
प्रसिद्ध पौदा जिसकी पूजा होती है
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दुर्गा
(पुराण) एक प्रसिद्ध देवी जिसका दुर्गा नाम दुर्ग राक्षस का वध करने के कारण पड़ा था, आदि शक्ति
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धन
वह वस्तु या वस्तुओं की सअष्टि जिससे किसी उपयोगी या इष्ट अर्थ की सिद्धि होती है और जो श्रम, पूँजी या समय लगाने से प्राप्त होती है विशेषतः अधिक परिमाण में संचित उपयोग को सामग्री , रुपया पैसा, जमीन, जायदाद इत्यादि , जीवनोपाय , संपत्ति , द्रव्य , दौलत , क्रि॰ प्र॰—कमाना , —भोगना , —लगाना , यौ॰—धनधान्य
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धर्म
किसी व्यक्ति के लिए निश्चित किया गया कार्य-व्यापार; कर्तव्य
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नंदा
ननद, कुमाऊँ चंदवंश के सजाओं की एक बहन जिसे कदलीवन में लघुशंका निवारण के समय एक भैंसे ने मार दिया तथा जो पौरा- णिक गाथानुसार पूज्य नंदादेवी (दुर्गा) हो गयी, दुर्गादेवी; नंदाष्टमी-भाद्रपद की अष्टमी, जब नंदा और नैनादेवी के मेले लगते हैं; दे० -नैना
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ननद
पति की बहन, ननद
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पद्मवासा
लक्ष्मी
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पद्मा
लक्ष्मी
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पिंगला
हठयोग और तंत्र में जो तीन प्रधान नाड़ियाँ मानी गई हैं उनमें से एक
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प्रभा
दीप्ति , प्रकाश , आभा , चमक
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प्रभुता
प्रभु होने की अवस्था या भाव, प्रभुत्व, स्वामित्व
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प्रसन्नता
तुष्टि, संतोष
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प्राकाम्य
आठ प्रकार के ऐश्वर्यों या सिद्धियों में से एक
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प्राचुर्य
प्रचुरता, बाहुल्य
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प्राप्ति
प्राप्त होएब
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प्रेम
वह मनोवृत्ति जिसके अनुसार किसी वस्तु या व्यक्ति आदि के संबंध में यह इच्छा होती है कि वह सदा हमारे पास या हमारे साथ रहे, उसकी वृद्धि, उन्नति या हित ही अथवा हम उसका भोग करें, वह भाव जिसके अनुसार किसी दृष्टि से अच्छी जान पड़नेवाली किसी चीज या व्यक्ति को देखने, पाने, भोगने, अपने पास रखने अथवा रक्षित करने की इच्छा हो, स्नेह, मुहब्बत, अनुराग, प्रीति
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बाहुल्य
बहुतायत, अधिकता, ज्यादती
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भग
भगो, भाग जाओ, हटो, हट जाओ
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भारती
वचन, वाक्य, सरस्वती
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भुक्त
भुगता हुआ, खाया हुआ, भोगा हुआ
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भुक्ति
भोजन ; भोग , विषयोपभोग , लौकिक आनंद ; चार प्रकार के धर्म- शास्त्रीय प्रमाणों में से एक , कब्जा , अधिकार; ग्रहों का एक-एक राशि में गमन
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भूति
वैभव, धन, संपत्ति, राज्यश्री
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भूमा
अधिकता, बहुत्व, विशालता, प्रचुरता
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भृति
नौकरी, मजदूरी
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भोग
भोगना, व्यवहार में लाना,भोजन, खाद्य, ईश्वर को नैवेद्य लगाना।
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भोजन
रसोई
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