अंतर के पर्यायवाची शब्द
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अंतरात्मा
जीवात्मा, जीव, प्राणी
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अंतर्भूत
जो किसी दूसरी वस्तु में जाकर मिल गया हो मगर फिर भी अपना स्वतंत्र सत्ता या रूप रखता हो, किसी के अंदर स्थित, भीतर समाया हुआ, समाविष्ट, अंतर्गत, शामिल
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अंदर
भीतरी भाग में, अंतर्गत, भीतर
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अज्ञान
बोध का अभाव, जड़ता, मूर्खता, मोह, अनजानपन
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अनोखापन
अनूठापन, निरालापन विलक्षणता
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अभाव
कमी
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अभ्यंतर
बीच का भाग या स्थान, मध्य, बीच
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अलग
फराक, पृथक्
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अवकाश
स्थान , जगह
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असमानता
समानता का अभाव
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असाधारण
न्याय में हेत्वाभास का एक दोष
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आंतरिक
जो अंदर का हो, भीतरी, अंदरूनी
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आगे बढ़ना
किसी के आगे हो जाना या किसी सीमा आदि से आगे निकल जाना
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आत्मा
आत्मा
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आभ्यंतर
भीतरी, आंतरिक
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उत्कृष्टता
बड़ाई, श्रेष्टता, अच्छापन, बड़प्पन, उत्कृष्ट होने की स्थिति
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उत्तमता
श्रेष्ठता, उत्कृष्टता, खूबी, भलाई
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ख़ूबी
भलाई, अच्छाई, अच्छापन, उम्दगी
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गुणवत्ता
गुण-स्तर
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घनिष्ठ
गाढ़ा घना, बहुत अधिक
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चेतन
जागृत।
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चैतन्य
चित् स्वरूप, आत्मा ज्ञान
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छेदन
काटने या आरपार चुभाने की क्रिया या भाव, काटकर अलग करने का काम, चीरफाड, क्रि॰ प्र॰—करना, —होना
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जीव
प्राण, प्राणी।
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जीव
जीव
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जोड़ा
एक ही तरह की दो वस्तुए या जीव; युग्म, युगल पति-पत्नी, मिले हुए, 3 समान कर्म, गुण, आकार की वस्तुएं या प्राणी
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टूटा हुआ
जो भंग हो गया हो या टूट गया हो
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दुविधा
सफेद, दूध के रंग का; जिसमें दूध मिला हो; मटमैले रंग का
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दूरत्व
दूर होने का भाव, अंतर, दूरी, फासला
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दूरी
दूरत्व
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द्वेष
किसी के प्रति होने वाले विरोध, वैमनस्य, शत्रुता आदि के फलस्वरूप मन में रहने वाला ऐसा भाव, जिसके कारण मनुष्य उसका बनता या होता हुआ काम बिगाड़ देता है अथवा उसे हानि पहुंचाने का प्रयत्न करता है, चित्त को अप्रिय लगने की वृत्ति , चिढ़ , शत्रुता , वैर, मनमुटाव
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द्वैत
दो का भाव, युग्म, युगल
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निकट
समीप का, पास का
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पुद्गल
देखने में अच्छा और मन को लुभाने वाला
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पृथक्
अलग, फराक
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प्रभेद
वह स्थिति जिसमें कोई वस्तु या व्यक्ति अपने किसी विशेष गुण या तत्व के कारण औरों से अलग या भिन्न माने जाते हों, विभिन्नता, क़िस्म, प्रकार, श्रेणी
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फ़र्क़
दूर, अलग, परे
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फ़ासला
दो वस्तुओं या बिंदुओं के बीच का स्थान या माप, अंतर, दूरी
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बिना
छोड़कर, बगैर, जैसे,—(क) आपके बिना तो यहाँ कोई काम ही न होगा, (ख) अब वे बिना किताब लिए नहीं मानेंगे
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ब्रह्म
सच्चिदानंद स्वरूप जगत का मूल तत्त्व. 2. सत्य. 3. वेद
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भिन्न
अलग, पृथक्, जुदा
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भिन्नता
दे० 'भेद'
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भीतर
हृदय अन्तःकरण, अन्तःपुर
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भेद
रहस्य , मर्म
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भ्रम
किसी पदार्थ को और का और समझना , किसी चीज या बात को कुछ का कुछ समझना , मिथ्या ज्ञान , भ्रांति , धोखा
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मन
प्राणियों में वह शक्ति या कारण जिससे उनमें वेदना, संकल्प, इच्छा द्वेष, प्रयत्न, बोध और विचार आदि होते हैं , अंतःकरण , चित्त
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युग्म
दे. युगल
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रहस्य
गुप्तभेद, गोपनीय विषय; मर्म, एकान्त में घटित वृत्त
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रूह
आत्मा, आँख का एक रोग
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विदारण
बीच में से अलग करके दो या अधिक टुकड़े करना, फाड़ना
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