बाण के पर्यायवाची शब्द
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अयन
सूर्य का विषुवत रेखा के उत्तर या दक्षिण में दीखने की अवधि, छ: मास का समय
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आभूषण
गहना, जे़वर, आभरण, अलंकार
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आयुध
युद्ध क्षेत्र में काम आने वाले अस्त्र या हथियार, युद्ध का साधन, शस्त्र
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आशुग
प्रायः सर्वत्र चलता रहने वाला वह तत्व जो सारी पृथ्वी पर व्याप्त है और जिसमें प्राणी साँस लेते हैं, वायु
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इषीका
बाण , तीर
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इषु
बाण
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ईश्वर
शिव ब्रह्मा, स्वामी, कामदेव
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ऐन
घर, निवास
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कमल
कमल, जलज।
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कर्पूर
दे० 'कपूर'
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कलंब
शर, बाण
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काँटा
किसी-किसी पेड़ की डालियों और टहनियों में निकले हुए सुई की तरह के नुकिले अंकुर जो पुष्ट होने पर बहुत कड़े हो जाते हैं, कंटक
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कांड
बाँस, नरकट या ईख आदि का वह अंश जो दो गाँठो के बीच में हो, पोर, गाँडा, गेंडा
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कामदेव
प्रेम का देवता।
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कुंत
भाला , बर्ची
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कुक्कुट
मुरगा
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कृष्ण
काले या साँवले रंग का, काला, श्याम, स्याह
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केकी
मोर, जिसकी वाणी के का कहलाती है।
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केश
सिर का बाल
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कोयल
कोयल
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खंजन
एक सुंदर पक्षी जो बहुत चंचल होता है और जिसकी उपमा कविगण नेत्रों से देते हैं
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खग
पक्षी, चिड़िया
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गगन
आसमान, आकाश, नभ, व्योम, अंतरिक्ष, आकाशस्थ ईश्वर या देव, खुले स्थान में ऊपर की ओर दिखाई देने वाला खाली स्थान, आकाश
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गुंजा
घुँघची
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गूँजा
थोड़ा सा टेढ़ा-मेढ़ा किया हुआ घास, जो बर्तन रगड़ने या आग जलाने के काम आता है
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गो
गाय।
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घोड़ा
अश्व, बंदूक में गोली चलाने का खटका, शतरंज का एक मोहर
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चंदन
सुगनिधत लकड़ी, एक वृक्ष जिसमें हीर की लकड़ी अति सुगन्धित होती हैं
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चंद्रमा
आकाश में चमकने वाला एक उपग्रह जो महीने में एक बार पृथ्वी की प्रदक्षिणा करता है और सूर्य से प्रकाश पाकर चमकता है
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चातक
एक पक्षी जे काव्य-परम्पराक अनुसार केवल स्वाती नक्षत्रक वर्षाक बिन्दु पिबैत अछि
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छाता
छतरी, मधुमक्खियों द्वारा निर्मित शहद का छत्ता, भमरी का छत्ता।
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जल
पानी, नीर
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तलवार
खंजर, लोहे का लम्बा धारदार हथियार
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तीर
नीचे, नीचे की तरफ
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तूलिका
खंजन की तरह की एक छोटी चिड़िया
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तेजन
बाँस
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थन
दे०-थौण
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दिन
उतना समय जिसमें सूर्य क्षितिज के ऊपर रहता है , सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक का समय , सूर्य की किरणों के दिखाई पड़ने का सारा समय
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दीपक
प्रकाश फैलाने वाला
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दृढ़तृण
मूँज नाम की घास
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नराच
दे. नाराच
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नाराच
वह तीर जो सारा लोहे का हो, लोहे का बाण
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पक्षी
पक्षी , पखेरू
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पत्री
चिट्ठी, खत, पत्र
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पपीहा
चातक (एक पक्षी)
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पुंख
बाण का पिछला भाग जिसमें पर खोंसे रहते थे
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पुष्कर
जल
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प्रचलाकी
मयूर, मोर
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बहुप्रज
जिसके बहुत संतान हों
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भद्रमुंज
सरपत
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