भक्ति के पर्यायवाची शब्द
- अंत
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अनुरक्ति
आसक्ति, अनुराग, प्रीति, भक्ति
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अनुराग
प्रीति, प्रेम, असक्ति, प्यार, मुहब्बत, लगाव
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अपचार
अनुचित बर्ताव, बुरा आचरण, कुव्यवहार
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अपचिति
हानि, क्षय, ह्रास, नाश
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अर्चन
नव प्रकार की भक्ति में से एक, पूजा, पूजन
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अर्चना
पूजा, पूजन, उपासना, वंदन, कीर्तन
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अर्चा
पूजा
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अर्हत
प्रसिद्ध; विख्यात
- अलंकार
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अवराधन
आराधान, उपासना, पूजा, सेवा
- आचार
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आरती
आदर या मंगल के निमित्त किसी (देवता, व्यक्ति आदि) के सम्मुख चारों ओर प्रज्वलित कपूर तथा दीपक घुमाना , नीराजन , दीप
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आराधना
किसी देवी, देवता आदि पर जल, फूल आदि चढ़ाकर या उनके आगे कुछ रखकर किया जाने वाला धार्मिक कार्य, पूजा, सेवा, उपासना
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आसक्ति
अनुरक्ति, लिप्तता, आसक्त होने की क्रिया अवस्था या भाव
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आसंग
सतत, निरंतर, लगातार, बिना विराम के या बिना रुके अथवा बिना क्रम-भंग के
- आस्था
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ईमान
धर्म और ईश्वर के प्रति होने वाली आस्था, विश्वास, आस्तिक्व बुद्धि
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उत्कर्ष
बड़ाई, प्रशंसा
- उपक्रम
- उपचार
- उपनिषद्
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उपास्ति
सेवा
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उपासना
पास बैठने की क्रिया
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कर्तव्य
करने के योग, करणीय
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कामकेलि
स्त्री-पुरुष का समागम, रतिक्रिया, कामक्रीड़ा
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ख़िदमत
सेवा, टहल, सुश्रूषा, चाकरी
- गहरी पैठ
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घर्षण
रगड़, घिस्सा
- चरित्र
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झोपड़ी
'झोपड़ी'
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टहल
सेवा, शुश्रूषा, खिदमत, क्रि॰ प्र॰—करना
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ठहराव
ठहरने का भाव, स्थिरता
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दीन
जिसकी दशा हीन हो, दरिद्र, निर्धन, ग़रीब
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धर्म
किसी व्यक्ति के लिए निश्चित किया गया कार्य-व्यापार; कर्तव्य
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नैतिकता
नैतिक होने की अवस्था या भाव
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न्याय
नियम के अनुकूल बात, उचित बात, हक़ बात, नीति, इंसाफ़
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नियम
विधि या निश्चय के अनुकूल प्रातिबंध, परिमिति, रोक, पाबंदी, नियंत्रण
- निष्ठा
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पूजन
पूजा की क्रिया, ईश्वर या किसी देवी देवता के प्रति श्रद्धा संमान, विनय और समर्पण प्रकट करनेवाला कार्य, देवता की सेवा और वंदना, अर्चन, आराधन
- पूजा
- पड़ोस
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पद्धति
राह, पथ, मार्ग, सड़क
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प्रकृति
किसी पदार्थ या प्राणी का वह विशिष्ट भौतिक सारभूत तथा सहज व स्वाभाविक गुण जो उसके स्वरूप के मूल में होता है और जिसमें कभी कोई परिवर्तन नहीं होता, मूल या प्रधान गुण जो सदा बना रहे, तासीर
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प्रण
किसी काम को करने के लिए किया हुआ अटल निश्चय, कुछ करने या न करने के संबंध में पक्का निश्चय, दृढ़ निश्चय, प्रतिज्ञा
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प्रतिज्ञा
भविष्य में कोई कर्तव्य पालन करने, कोई काम करने या न करने आदि के संबंद में दृढ़ निश्चय, वह दृढ़तापूर्ण कथन या विचार जिसके अनुसार कोई कार्य करने या न करने का दृढ़ संकल्प हो, किसी बात को अवश्य करने या कभी न करने के संबंध में वचन देना, प्रण, जैसे— भीष्म ने प्रतिज्ञा की थी कि मैं आजन्म विवाह न करूँगा
- प्रसंग
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प्रसादना
सेवा, परिचर्या
- प्रार्थना
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परिचर्या
सेवा, टहल, खिदमद
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